Pilibhit News: प्रकाशित किताब में विवादित टिप्पणी के विरोध में दो पक्ष आमने-सामने

पीलीभीत। मदरसा में तैनात मुफ्ती की ओर से प्रकाशित किताब में विवादित और भड़काऊ टिप्पणी के विरोध में करीब 15 दिन पहले दो पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों की ओर से न्यूरिया थाने में रविवार को रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एक पक्ष ने पांच लाख की रंगदारी मांगने और दूसरे ने दरोगा बनकर धमकाने का भी आरोप लगाया है। मोहल्ला खब्बापुर निवासी मोहम्मद आजम ने न्यूरिया पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि कस्बे में स्थित मदरसा दारूल उलूम गौसिया में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात मुफ्ती मंजूर आलम ने सलीक-ए-जिंदगी नामक एक किताब लिखी है। आरोप है कि किताब में अंधविश्वासों के साथ दूसरे संप्रदाय के विरुद्ध अश्लील बर्ताव करने, पशु-पक्षियों पर अत्याचार करने, महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए प्रेरित करने के नुस्खे लिखे हैं।जानकारी होने पर मदरसे की कमेटी ने मौलवी को मदरसे से निकालने का प्रस्ताव पारित किया। इस पर उसने कस्बे के फरियाद अहमद, मुजीब अहमद, हबीब अहमद उर्फ हफीज, मौलाना फईम, महमूद रसीद, फहीम हुसैन, गुड्डे आदि को अपने पक्ष में लेकर मदरसे की कमेटी व उसके सहयोगियों के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। आरोप है कि करीब 15 दिन पहले रमजान के दिनों में फरियाद अहमद ने सैकड़ों लोगों के साथ मदरसे के सामने देर रात तक हंगामा किया था। माहौल खराब होता देख कस्बे के कुछ लोगों ने उसे व उसके पिता को हंगामे व भड़काऊ नारे लगाने की जानकारी दी। इस पर उसने डायल 112 के अलावा थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके के अलावा फरियाद अहमद के घर भी गई। इससे नाराज होकर फरियाद व उसके परिजन झूठी शिकायतें करने लगे। उसने तीन अप्रैल 2025 की सुबह कस्बे के बस स्टैंड पर फरियाद से बात की। शिकायत वापस कराने के नाम पर उसके पिता से पांच लाख रुपये की मांग करने लगा। रुपये न देने पर जेल भिजवाने की धमकी दी। आरोपी पर झूठी शिकायतें कर वसूली करने का आरोप भी लगाया। उधर, न्यूरिया कस्बे के मोहल्ला मोहम्मद यार खां निवासी फरियाद ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि 14 मार्च को वह कस्बे के एक मेडिकल स्टोर पर बैठा था। इस दौरान कस्बे के ही गुड्डे व मौलाना अब्दुल हमीद दो गाड़ियों से आकर रुके। उनके साथ मुस्तफा, समीर, जावेद, फय्याज, तहसीन भी थे। आरोपियों ने उसे धमकाते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी। इस पर वह वहां से निकल आया। आरोप है कि रमजान के दिनों में ही आजम ने उसके नंबर पर फोन कर खुद को न्यूरिया थाने का एसआई (दरोगा) बताते हुए मौलाना अब्दुल हमीद से माफी मांगने को कहा। ऐसा न करने पर थाने में बंद कर केस दर्ज करने की धमकी दी। थाना प्रभारी रूपा बिष्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर रविवार को नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 21, 2025, 21:52 IST
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