Ayodhya News: सरयू किनारे एक होती नजर आईं राम और बुद्ध की परंपराएं

अयोध्या। राम मंदिर के इतिहास में पांच सितंबर को नया अध्याय जुड़ गया। भगवान श्रीराम की नगरी ने शुक्रवार को वह क्षण जिया, जिसे आने वाली पीढ़ियां लंबे समय तक याद रखेंगी। अयोध्या में राम और बुद्ध की परंपराएं एक होती नजर आईं। पहली बार किसी विदेशी प्रधानमंत्री ने अयोध्या आकर रामलला के चरणों में शीश नवाया। भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग तोबगे शुक्रवार की सुबह 9:30 बजे अपने तय कार्यक्रम के अनुसार भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से बिहार के गया से अयोध्या एयरपोर्ट पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि के रूप में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व महापौर अयोध्या महंत गिरीश पति त्रिपाठी समेत विदेश मंत्रालय, शासन, प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से सीधे राम मंदिर के लिए रवाना हुए। इस दौरान थोड़ी देर के लिए हाईवे पर यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया। एयरपोर्ट व राम मंदिर में पीएम के स्वागत में रेड कारपेट बिछाई गई थी। वहां चंपत राय ने राम मंदिर का मॉडल भेंटकर पीएम का स्वागत किया। रामलला के दरबार में उन्होंने तीन बार साष्टांग प्रणाम किया। पीएम ने रामलला की आरती उतारी और पुष्प अर्पित किया, दक्षिणा भी भेंट की। इसके बाद चरणामृत प्रसाद ग्रहण किया। आरती की लौ जब उनके हाथों में थमी तो मंदिर परिसर भाव विभोर हो उठा। परंपरागत वाद्यों की गूंज, भजनों की स्वर लहरियां और पुष्पवृष्टि ने इस ऐतिहासिक क्षण को और दिव्य बना दिया। मौजूद श्रद्धालु उस भावुक क्षण के साक्षी बने जब भूटान की धरती से आए अतिथि रामभक्ति में रमे हुए थे। पूरे दौरे के दौरान विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, अपर पुलिस महानिदेशक सुजीत पांडेय, मंडलायुक्त राजेश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम निखिल टीकाराम फुंडे समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पीएम मोबाइल से राम जन्मभूमि परिसर की स्मृतियों को मोबाइल में तस्वीरों व वीडियो के माध्यम से सहेजते रहे। पत्नी के साथ राम मंदिर परिसर में कई स्थानों पर उन्होंने सेल्फी ली। राम मंदिर की नक्काशी उनको बहुत अच्छी लगी। कुबेर टीला की भव्यता ने मुग्ध किया। प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण की बारीकियों को रुचि से देखा। नक्काशीदार खंभे, गर्भगृह की शिल्पकला और स्थापत्य की दिव्यता ने उन्हें प्रभावित किया। मंदिर के इतिहास की भी संक्षिप्त जानकारी पीएम को दी गई। वर्जन राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि भूटान के प्रधानमंत्री का अयोध्या आगमन हमारे लिए गर्व का विषय है। यह यात्रा बताती है कि रामलला केवल भारत के ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के आराध्य हैं। भूटान, जहां बुद्ध के उपदेश जीवन का मार्गदर्शन करते हैं, वहां के प्रधानमंत्री का रामलला के चरणों में श्रद्धा अर्पित करना यह दर्शाता है कि अध्यात्म की कोई सीमाएं नहीं होतीं। अयोध्या ने आज दुनिया को यह संदेश दिया कि आस्था और संस्कृति हर सीमा को पार कर मानवता को जोड़ने का कार्य करती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 05, 2025, 19:35 IST
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