Amethi News: तिलोई तहसीलदार का फर्जीवाड़ा आया सामने

अमेठी। तिलोई में जमीनों को लेकर चलने वाला खेल थम नहीं रहा है। ताजा मामला मौजूदा तहसीलदार से जुड़ा है। तहसीलदार ने अपने प्रभार वाली कोर्ट का एक वाद निस्तारित करते हुए जमीन उत्तराधिकार के दायरे में न आने वाले एक व्यक्ति के नाम कर दी। जमीन पाने वाले ने भी तुरंत एक तिहाई हिस्सा बेच डाला। मामले का खुलासा तब हुआ जब इसकी शिकायत हुई। एसडीएम ने तहसीलदार के आदेश पर रोक लगा दी है।तिलोई तहसील के राजापुर गांव के रहने वाले रतनदास त्रिवेदी कई दशक पूर्व हैदरगढ़ बाराबंकी के रहने वाले बंशलाल को अपने गांव लाए थे। गांव में अपने बनाए मंदिर का पुजारी बनाने के बाद राजापुर गांव की गाटा संख्या 1048, 1052, 1057, 1318 व 1328 तथा फत्तेपुर के गाटा संख्या 99, 323 व 805 (कुल रकबा 1.477 हेक्टेयर) को बंशराज के नाम कर दिया। बंदोबस्त में बंशलाल के नाम आए यह भूखंड आगे भी उन्हीं के नाम रहे। कुछ दिन पूर्व बंशलाल का निधन हो गया। बंशलाल का निधन होने के बाद उनके चचेरे भतीजों (उचित उत्तराधिकार के दायरे में नहीं आते) ने नायब तहसीलदार तिलोई की कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया। चूंकि तिलोई में नायब तहसीलदार का पद रिक्त था। ऐसे में प्रभारी के रूप में तहसीलदार पवन कुमार शर्मा ने केस की सुनवाई की।केस की सुनवाई शुरू होने के कुछ ही दिन के अंदर तहसीलदार ने फैसला सुना दिया। फैसला होने के बाद जमीन की वरासत बंशराज के चचेरे भाई गोकुल प्रसाद के पुत्र देवी प्रसाद व माता प्रसाद तथा स्व. भगवती प्रसाद के पुत्र सत्य नारायण, शिव प्रसाद, हरि प्रसाद व शिव सहाय के नाम हो गई। वरासत के बाद जमीन नाम आई तो सभी ने मिलकर 1.27 हेक्टेयर भूमि सातन पुरवा निवासी जियाउल हक को बेच दी। जियाउल जमीन पर कब्जा करने पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ। दान की गई भूमि बेचने की बात सामने आने से नाराज रतनदास त्रिवेदी के परिवार के बृजकिशोर ने पूरे मामले की शिकायत डीएम राकेश कुमार मिश्र से की। डीएम के निर्देश पर तत्काल आदेश पर रोक लगाते हुए एसडीएम फाल्गुनी सिंह ने एसडीएम न्यायिक राम केवल त्रिपाठी से जांच कराई तो तहसीलदार का फर्जीवाड़ा सामने आया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 24, 2022, 23:49 IST
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