NAM Conclave: आयुष्मान योजना में शामिल हो आयुष पद्धति से उपचार, राष्ट्रीय आयुष मिशन कॉन्क्लेव में उठी मांग

कोरोना महामारी के बाद तेजी से बढ़े आयुष पद्धति से इलाज को आयुष्मान योजना में शामिल करने की मांग उठी है। लोनावाला के कैवल्यधाम में चल रहे राष्ट्रीय आयुष मिशन कांक्लेव 2025 में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सहित दूसरे राज्यों से आए मंत्रियों ने इन्हें आयुष्मान योजना में शामिल करने की मांग रखी। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान योजना में एलोपैथी की तरह आयुष पद्धति से इलाज को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसमें दवाई, अस्पताल में भर्ती रहने सहित दूर दूसरे खर्चों का पूर्ण भुगतान होना चाहिए, जबकि अभी ऐसा नहीं होता। कई मामलों में मरीजों को अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है। यदि एलोपैथी की तरह आयुष पद्धति के इलाज का भुगतान आयुष्मान योजना में होगा तो बड़ी संख्या में लोग आयुष पद्धति को अपना सकेंगे। दवाओं के इस्तेमाल पर रखें सतर्कता डीजीएचएस प्रोफेसर डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि आयुष की दवाओं का भी रिएक्शन हो सकता है, इसके इस्तेमाल पर विशेष ध्यान रखना होगा। हमें देखना होगा की दवाओं की मात्रा, उसकी जरूरत यह सभी मरीजों की स्थिति के आधार पर तय हो। तय हों औषधि पौधे के दाम औषधि पौधों की बिक्री के लिए उचित मूल्य (एमएसपी) तय होना चाहिए। ऐसा होने पर इन पौधों को उगने वाले किसानों को औषधि पौधों का उचित मूल्य मिल सकेगा। इससे देश में औषधि पौधों की उपलब्धता पड़ेगी साथ ही किसानों को अच्छे पैसे मिलने पर वह भी इन्हें उगाने के लिए आगे आएंगे। काशी को जरूरत है बड़े संस्थान की उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि काशी की पहचान पूरी दुनिया में है। यहां पर आयुष पद्धति से जुड़े कई प्रमुख महान हस्तियों का जन्म या निवास रहा है। इसकी महत्ता को देखते हुए यहां पर एक बड़े संस्थान की जरूरत है जो आयुष पद्धति को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दे सके।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 02, 2025, 13:30 IST
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