युवा पीढ़ी को बिरसा मुंडा के साहस, समर्पण और संघर्ष से सीख लेने की आवश्यकता : प्रो. डोढी
श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के राजनीति विज्ञान विभाग एवं मानव विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ गढ़वाल विवि के कुलसचिव प्रो. राकेश डोढी ने किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को उनके साहस, समर्पण और संघर्ष से सीख लेने की आवश्यकता है।मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एमएम सेमवाल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई चेतना और नई दिशा प्रदान की। उनके संघर्ष ने देश के विभिन्न जनजातीय आंदोलनों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि 1897 की महामारी में बिरसा मुंडा की भूमिका ने उन्हें जननायक से भगवान के रूप में प्रतिष्ठित किया। मानव विज्ञान विभाग के प्रो. एचबीएस चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री का जनजाति गौरव दिवस को जनजातीय क्षेत्रों तक सीमित न रखकर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में विस्तृत करना आदिवासी समाज के योगदान को मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक स्थान देने का महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. राकेश नेगी ने जनजाति गौरव दिवस की महत्ता तथा भगवान बिरसा मुंडा के जनजातीय समुदाय के हितों की सुरक्षा, संस्कृति संरक्षण तथा ब्रिटिश शासन के विरुद्ध उनके संघर्षपूर्ण आंदोलन पर प्रकाश डाला। मौके पर डॉ. सर्वेंद्र यादव, प्रो. राजपाल सिंह नेगी, प्रो. वाईएस फर्स्वाण, डॉ. एसएस बिष्ट, डॉ. नरेंद्र चौहान, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. सर्वेश, डॉ. धीरज आदि मौजूद रहे। संचालन अपराजिता घिल्डियाल ने किया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 15, 2025, 16:20 IST
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