Rohini Kalam Suicide Case: प्रेशर में थी रोहणी,बीमारी के बाद भी खिलाते थे कोच, बात करने पर लगा रखी थी पाबंदी

देवास में जुजित्सु (मार्शल आर्ट) की इंटरनेशनल प्लेयर रोहिणी कलम की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को पुलिस ने रोहिणी के कोच विजेंद्र खरसोदिया और मध्य प्रदेश जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि कोच खरसोदिया फरार है। रोहिणी ने घर में लगाई थी फांसी बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी ने बताया कि जांच और पूछताछ में प्रताड़ना की बात सामने आई है। कोच विजेंद्र खरसोदिया रोहिणी की बीमारी के बावजूद उसे प्रतियोगिताओं में भेजने का दबाव बनाते थे। उसे आराम नहीं करने देते थे। वहीं, संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह रोहिणी किसी और से बात नहीं करने देते थे। पुलिस जांच में सामने आया कि इन कारणों से रोहिणी गहरे तनाव में थी। घटना वाले दिन भी आत्महत्या से ठीक पहले रोहिणी की प्रीतम सिंह से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद ही उसने यह आत्मघाती कदम उठाया था। कॉल डिटेल से खुला राज घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था, जिससे शुरुआती जांच उलझ गई थी। हालांकि, रोहिणी के परिजनों को कोच और उपाध्यक्ष पर शक था। उन्होंने समाजजनों के साथ मिलकर तीन बार एसपी कार्यालय में निष्पक्ष जांच के लिए आवेदन दिए थे और दोनों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकलवाने की मांग की थी। पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि रोहिणी की अधिकतर बातचीत इन्हीं दोनों से होती थी। SC/ST एक्ट और BNS की धाराओं में केस दर्ज पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 108, 3(5) बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) और 3(2)(v) SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। कानून के मुताबिक, यदि यह साबित हो जाता है कि आरोपियों ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया है, तो उन्हें दस साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है 26 अक्टूबर को घर में लगाई थी फांसी 26 अक्टूबर को अर्जुन नगर राधागंज स्थित आवास पर रोहिणी की छोटी बहन रोशनी कलम ने उन्हें कमरे में फंदे पर लटका देखा था। दरवाजा तोड़कर उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। घटना के वक्त माता-पिता घर पर नहीं थे। अबू धाबी में जीता था ब्रॉन्ज, संघ की महासचिव थीं रोहिणी कलम ने 2007 में खेल जीवन की शुरुआत की थी और 2015 से पेशेवर रूप से जु-जत्सु में भाग ले रही थीं। उन्होंने पिछले वर्ष अबू धाबी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। वह जुजित्सु संघ की महासचिव भी थीं और वर्तमान में आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट कोच थीं। वह चार बहनों में सबसे बड़ी थीं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 20, 2025, 19:26 IST
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