Jind News: विधानसभा में उठा जींद सफीदों रोड के चौड़ीकरण का मामला
जींद। जींद-सफीदों रोड के निर्माण के लिए जिला के लोगों को कितने समय और इंतजार करना पड़ेगा। यह स्पष्ट नहीं है। दो विधानसभा सत्रों में यह मामला जोर से उठ चुका है लेकिन इस पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा। इस बार भी इसको लेकर सफीदों से विधायक रामकुमार गौतम ने सवाल तलब किए और पिछले राज का भी इसमें हवाला दिया था। जींद सफीदों रोड के निर्माण को लेकर बीते विधानसभा सत्र में मंत्री कृष्ण लाल पंवार, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा और सफीदों से विधायक रामकुमार गौतम ने मिलकर एक साथ पैरवी की थी। इस दौरान जींद व पानीपत जिले के लोगों को उम्मीद थी कि यह सड़क अब जल्द ही बनने के लिए गति पकड़ेगी। इस दौरान भी वन विभाग को पेड़ लगाने के लिए जमीन नहीं मिलने के कारण योजना अटकी हुई थी। इसके बाद जिले के तीन गांवों में अलग-अलग स्थानों पर जमीन तो मिल गई लेकिन यह जमीन वन विभाग के नाम अभी तक ट्रांसफर नहीं हो पाई। जमीन नाम होने में ही लगभग छह माह से ज्यादा समय बीत चुका है। इससे पहले कई स्थानों पर जमीन की जांच हुई थी। बाद में जींद जिले में ही विभाग को जमीन मिली। अब यह जमीन जब भी वन विभाग के नाम आएगी। उस समय वन विभाग की तरफ से पेड़ काटने की अनुमति मिलेगी। इस प्रक्रिया में अभी लंबा समय लग सकता है। बीते विधानसभा सत्र में डिप्टी स्पीकर और मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने इस मुद्दे को जोर से उठाया था। इस बार सफीदों विधायक ने ही इसकी पैरवी की। विधायक के सवाल पर लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा ने जवाब दिया कि दिसबंर तक इस पर काम शुरू हो जाएगा। इसको वर्ष 2027 तक पूरा किया जाएगा। 184 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिलीइस परियोजना पर 184 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली हुई है। जींद से सफीदों तक लगभग 44 किलोमीटर लंबी सड़क है। इसकी चौड़ाई फिलहाल 7 मीटर है। निर्माण के बाद यह चौड़ाई 10 मीटर होनी है। इसके लिए पिछली सरकार में विभाग के मंत्री रहे दुष्यंत चौटाला ने भी काफी प्रयास किए लेकिन जमीन को लेकर हर बार यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। वन विभाग के नाम 41 एकड़ जमीन करवानी है इसके लिए पंचायती विभाग को वन विभाग के नाम 41 एकड़ जमीन करानी है। यह जमीन बधाना, शामलों और खरल गांव में पंचायत विभाग को मिल चुकी है लेकिन इसको अभी तक वन विभाग के नाम नहीं कराया गया। जब तक जमीन वन विभाग के नाम नहीं होती। उस समय तक इसकी मंजूरी नहीं मिल सकती। इसके लिए इस सड़क से सफर करने वालों को लंबे समय तक बदहाल सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। -----------वन विभाग के नाम अभी तक जमीन नहीं आई है। जब जमीन नाम होगी। उस दौरान पेड़ कटवाने के लिए मंजूरी दी जाएगी। पंचायती विभाग को चाहिए कि जल्द ही वह इस जमीन को नाम करवाए ताकि पेड़ कटवाने की मंजूरी दी जाए।--पवन ग्रोवर डीएफओ।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 28, 2025, 02:47 IST
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