Haldwani Amit Murder: अंगुली और बाल गायब देख मासूम की अंत्येष्टि रोकी, समझाने पर माने; ये था पूरा मामला

10 वर्षीय मासूम के शव की अंगुली और बाल गायब होने की बात कहते हुए परिजनों ने अचानक उसका अंतिम संस्कार रोक दिया। उनका कहना था कि जब तक दोनों चीजें नहीं मिल जातीं तब तक वे बच्चे के शव को नहीं दफनाएंगे। बाद में पुलिस व पूर्व विधायक नारायण पाल के समझाने पर परिजन माने और बच्चे की अंतिम क्रिया को पूरा किया। पोस्टमार्टम हाउस से कफन में लिपटे बेटे का शव लेकर पिता और अन्य परिजन मंडी गेट के निकट पहुंचे। पहले उन्हें बरेली स्थित अपने पैतृक गांव जाना था लेकिन बाद में शव की स्थिति को देखते हुए उन्होंने हल्द्वानी में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। यहां से परिजन राजपुरा स्थित मुक्तिधाम में पहुंचे। विधि-विधान से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान उन्होंने कफन उठाया तो बच्चे की अंगुली नहीं दिखी। उसके सिर के बाल भी गायब थे। इस पर परिजनों ने बच्चे के साथ तंत्र क्रिया होने का आरोप लगाते हुए उसे दफनाने से इन्कार कर दिया। इससे वहां माहौल गरमा गया। मौके पर मौजूद सितारगंज के पूर्व विधायक नारायण पाल के अलावा अन्य लोगों ने काठगोदाम पुलिस से वार्ता की। इसमें सामने आया कि पोस्टमार्टम हाउस से बच्चे की दोनों अंगुलियों के गलने के बाद बचे हिस्से को अलग कर दिया गया था। हल्द्वानी कोतवाल राजेश कुमार ने पोस्टमार्टम हाउस से कर्मी को बुलया। यहां अंगुली की स्थिति स्पष्ट हो गई। पुलिस ने यह भी बताया कि गड्ढे से जब सिर निकाला गया तो बाल थे। इन्हें पोस्टमार्टम के दौरान हटाया गया होगा, इसकी जानकारी उसे नहीं है। दोनों बिंदुओं पर चीजें स्पष्ट हुईं तब जाकर बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। बच्चे को अंतिम विदाई देते वक्त वहां मौजूद परिजनों समेत अन्य की आंखें भर आईं। पुलिस ने गंभीरता के साथ मामले का पर्दाफाश किया है। सिर पर बाल भी थे। अंगुली भी बरामद हुई थी। पोस्टमार्टम हाउस में परिवार वालों ने शव की शिनाख्त भी की। पुलिस टीमों ने इस मामले में शुरू से ही गंभीरता के साथ अपना काम किया है। -डॉ. जगदीश चंद्र, एसपी क्राइम यह था मामला बरेली के शाही क्षेत्र के एक गांव निवासी किसान परिवार गौलापार क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहता है। चार अगस्त को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उनका 10 साल का बेटा गायब हो गया। सीसीटीवी के जरिये उसकी लोकेशन घर के पीछे गली में मिली। आरोप के बाद शाम पांच बजे पुलिस ने एक परिवार के पांच सदस्यों को उठा लिया। मंगलवार को आरोपी के घर के पीछे बच्चे का सिर और एक हाथ कटा धड़ बरामद हुआ। सिर और हाथ की बरामदगी के लिए परिजनों ने बुधवार से शुक्रवार तक कभी थाने तो कभी चौकी पर धरना दिया। शनिवार को पुलिस ने आरोपी के घर के पास से सिर और हाथ बरामद कर लिया। इसके बाद हिरासत में लिए गए पांच आरोपियों में से एक निखिल जोशी को हत्यारोपी बनाया गया। पिता पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं, सीबीआई जांच की मांग राजपुरा के मुक्ति धाम में अपने दस वर्षीय बच्चे के अंतिम संस्कार के लिए आए पिता ने कहा कि जिस तरह उनके बेटे की हत्या हुई, उसे कोई अकेले अंजाम नहीं दे सकता है। बच्चे का सिर और दाहिना हाथ काटा गया था। अंगुलियां भी काटी गई थीं जो जिसे अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है। कहा कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए सीबीआई जांच की मांग उठाई। पिता ने कहा कि चार अगस्त को उनका बेटा गायब हुआ। परिवार के लोगों ने सीसीटीवी देखकर पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने आरोपी के साथ उसके परिवार के पांच लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया। पांच अगस्त को भी पुलिस कुछ नहीं उगलवा सकी। उन्होंने अन्य परिजनों के साथ वह जगह तलाशी जहां बेटे का धड़ दफनाया गया था। बेटे का शव मोर्चरी में ही पड़ा रहा। जब उन्होंने लगातार आवाज उठाई तो सिर और हाथ मिल गया। अब पुलिस ने एक ही युवक को हत्यारोपी बताते हुए गिरफ्तार किया। किसी न किसी ने आरोपी का जरूर साथ दिया होगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 11, 2025, 11:59 IST
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