West Bengal: बांग्लादेश निर्वासित किए गए युवक के पिता ने किया कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख, कहा- बेटे को वापस लाओ
भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासियों के कथित उत्पीड़न पर छिड़ी बहस के बीच राजस्थान से पश्चिम बंगाल के एक युवक को बांग्लादेश निर्वासित कर दिया गया। इसे लेकर पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी युवक के पिता ने बेटे की वापसी की मांग को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने कोर्ट से बेटे को बांग्लादेश से वापस लाने की मांग की है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में युवक आमिर शेख के पिता जीयम शेख ने आरोप लगाया है कि उनका बेटे कुछ महीने पहले काम की तलाश में राजस्थान गया था। जहां उसे पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में ले लिया और उसे बांग्लादेश भेज दिया गया। जीयम शेख ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को उसकी हिरासत की वैधता तय करने के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जाता है। युवक आमिर के परिवार ने दावा किया कि आमिर को राजस्थान पुलिस ने लगभग दो महीने तक हिरासत शिविर में रखा। जबकि उसने अधिकारियों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण के रूप में अपना आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र दिखाया था। उसके परिवार ने कहा कि जुलाई के अंत में एक सोशल मीडिया क्लिप से उसे सीमा पार बांग्लादेश भेज दिया गया था। प्रवासी कल्याण बोर्ड ने यह कहा मामले को लेकर पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और टीएमसी के राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम ने लिखा कि आमिर एसके को भाजपा शासित राजस्थान पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया और बांग्लादेश भेज दिया। वह न तो रोहिंग्या हैं और न ही बांग्लादेशी। बंगाली भाषी भारतीय नागरिक होने के बावजूद उन्हें जबरन सीमा पार भेज दिया गया। उनके परिवार के पास आजादी से पहले के ज़मीन के रिकॉर्ड हैं। दो अन्य परिवार भी दायर कर चुके याचिका इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट में बीरभूम जिले के मुरारई के पाइकर क्षेत्र के दो परिवारों ने याचिका दायर की थी। इन परिवारों के प्रवासी दो महिलाएं सोनाली बीबी और स्वीटी बीबी और तीन नाबालिग बच्चों को जून में रोहिणी के सेक्टर 26 में बंगाली बस्ती से दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद बांग्लादेश भेज दिया गया था। वहीं हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से भी बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिकों को जबरन निर्वासित करने के मामले सामने आए हैं। जून में पश्चिम बंगाल के सात लोगों को मुंबई में हिरासत में लिया था और बीएसएफ ने उनको बांग्लादेश भेज दिया था। पश्चिम बंगाल सरकार के हस्तक्षेप के बाद सभी को भारत वापस लाया गया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 07, 2025, 19:57 IST
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