Chamba News: दाल की बड़ियों से चखी सफलता, परिश्रम से बनाई पहचान

चंबा। कभी घर की रसोई में चूल्हे की आंच पर दाल की बड़ी बनाने वाली चंबा शहर की राजिंद्रा देवी को नहीं पता था कि यही बड़ी एक दिन उनके जीवन का स्वाद बदल देगी। आज वही राजिंद्रा चंबा की सीमाओं को लांघकर शिमला और सुजानपुर तक अपने स्वाद और परिश्रम की खुशबू फैला चुकी हैं।राजिंद्रा बताती हैं कि करीब 10 साल पहले उन्होंने छोटी सी शुरुआत घर से की थी। शुरुआत में बहुत मुश्किलें आईं। बड़ी बनाकर बेचने पर लोग मोलभाव करते, कई बार माल वापस आ जाता और खराब हो जाता पर उन्होंने नुकसान पर हार नहीं मानी। राजिंद्रा का जीवन उस वक्त बदला, जब वह राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बने स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। वहां से उन्हें कर्ज, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच की राह मिली। पहले वह अकेले काम करती थीं पर अब उन्होंने कई महिलाओं को साथ जोड़ लिया। अब सभी मिलकर उत्पादन बढ़ा रही हैं और एक-दूसरे का हौसला बन गई हैं। राजिंद्रा ने कहा कि अब हम सिर्फ बड़ी नहीं बनाते बल्कि आत्मनिर्भरता गढ़ते हैं।शुगर के रोगियों के लिए भी फायदेमंदराजिंद्रा ने बताया कि उनकी दाल बड़ी खासतौर पर शुगर के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। वह किसी तरह का रंग या प्रिजर्वेटिव नहीं डालतीं। पूरी तरह दाल और मसालों से ही बड़ी तैयार करती हैं। यही वजह है कि लोग इसे हेल्दी और स्वादिष्ट मानते हैं। उनकी बनाई बड़ी अब स्थानीय मेलों, दुकानों और ऑनलाइन ऑर्डर तक पहुंच रही है।महिलाओं के लिए बनीं प्रेरणाराजिंद्रा देवी ने साबित किया कि अगर इरादा सच्चा हो तो घर की रसोई भी आत्मनिर्भरता का कारखाना बन सकती है। आज वह न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हैं बल्कि कई महिलाओं के जीवन में नई रोशनी बन चुकी हैं। उनका कहना है कि काम छोटा या बड़ा नहीं होता, हिम्मत बड़ी होनी चाहिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 09, 2025, 00:11 IST
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