तरनतारन उपचुनाव: वादों की याद और हरियाणा संग विवाद को दिया जा रहा तूल

-शिअद, आप, भाजपा और कांग्रेस अपने अलग एजेंडे लेकर मांग रहे मतदाओं से आशीर्वाद-विकास व नशा बड़े मुद्दे, भ्रष्टाचार व 1984 के दंगा पीड़ितों को नौकरी की भी हो रही बात---अमर उजाला ब्यूरोचंडीगढ़। तरनतारन उपचुनाव के दाैरान सियासी उबाल पूरे चरम पर है। अपने प्रत्याशियों को जितवाने के लिए अबकी बार दिग्गजों को जोर थोड़ा ज्यादा लगाना पड़ रहा है। सामान्य से अलग कुछ मुद्दों को उछाल कर जीत के लिए जमीन तैयार की जा रही है। विकास और नशे का मुद्दा तो हैं ही मगर आप सरकार को साल 2022 के वादों की याद और हरियाणा संग विवाद सरीखे मुद्दों को भी खूब तूल दिया जा रहा है। सभी जुबानी जंग को लेकर सक्रिय हैं।पंजाब ने हरियाणा को दिए जाने वाला अतिरिक्त पानी रोका, इसका श्रेय जहां आम आदमी पार्टी लेने का प्रयास कर रही है वहीं शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल मतदाताओं को समझा रहे हैं कि हरियाणा के साथ किसी भी मुद्दे पर टकराव की स्थिति में केवल अकाली दल ही पंजाब के समर्थन में मजबूती से अपना रुख रख सकता है। बाकी दल सिर्फ सियासत चमकाने के लिए दोनों सूबों में अपनी प्राथमिकताएं बना लेते हैं। भाजपा, कांग्रेस और आप के सियासी बयान हरियाणा में जाकर पंजाब विरोधी हो जाते हैं मगर यहां इनके नेता पंजाब की बात करते हैं। इस पर पलटवार करते हुए आप के प्रत्याशी हरमीत संधू कहते हैं कि बादल सरकार ने लोगों की आवाज को नजरअंदाज किया है जबकि आप ही हर मुद्दे पर पंजाब का असली प्रतिनिधित्व कर सकती है। शिअद साल 2022 के विधानसभा चुनाव में आप नेताओं की ओर से किए वादों को भी एक-एक कर याद करवा रहा है। उधर, आप भी विकास के बूते मतदाताओं का दिल जीतने में जुटी है। आप संयोजक केजरीवाल व सीएम भगवंत मान मतदाताओं से सीधा संवाद साध उन्हें अपने विकास एजेंडे के साथ-साथ यह भी बता रहे हैं कि पहली बार उनकी सरकार ने सरहदी गांव के विकास को प्राथमिकता दी और नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर तस्करों का नेटवर्क तोड़ा है। सैनी उठा रहे 1984 के दंगा पीड़ितों को नौकरी देने का मुद्दाचुनाव प्रचार में कूदे हरियाणा के सीएम नायब सैनी व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भ्रष्टाचार मामले में फंसे पंजाब पुलिस के डीआईजी चरणजीत सिंह भुल्लर मामले की आड़ में आप सरकार को घेरने का प्रयास किया। इन नेताओं ने वड़िंग मामले को लेकर कांग्रेस पर एससी भाईचारा खराब करने का भी आरोप लगाया। सीएम सैनी ने हरियाणा में 1984 के दंगा पीड़ितों को नौकरी देने की पहल का जिक्र कर मतदाताओं को समझाने की कोशिश की कि भाजपा सरकार ने ही न केवल इन पीड़ितों को न्याय दिलवाया बल्कि आज हरियाणा में उनके आश्रितों को नौकरी भी दी। सीएम पंजाब में आरटीओ दफ्तरों पर ताले के फैसले को ड्रामेबाजी करार देते हुए चुटकी ले गए। वड़िंग के बयान को हवा दे रहे विरोधीवड़िंग विवाद के बाद कांग्रेस मतदाताओं को हर वर्ग के लिए अपनी सकारात्मक सोच और समावेशी संस्कृति समझाने में जुटी है। नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा बता रहे हैं कि कांग्रेस जाति, पंथ, रंग या समुदाय के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करती मगर बाजवा खुद इसी चुनाव प्रचार में एक बेअदबी के मामले में फंस गए हैं। पंजाब एससी आयोग के समक्ष पेश होकर उन्हें इसका जवाब देना है। विरोध वड़िंग के बयान को हवा दे रहे हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 20:25 IST
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