तांत्रिक को आजीवन कारावास: बच्चा न होने पर आई थी महिला, झाड़-फूंक के बहाने अकेले में ले जाकर किया था दुष्कर्म

महिला के साथ दुष्कर्म करने में तांत्रिक इंद्रपाल को दोषी पाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) विकास कुमार की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 33 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। साथ में आये भाई को रोका, अकेले में पूजा के बहाने ले गया दूर थाना मड़ावरा अंतर्गत एक गांव निवासी व्यक्ति ने तीन वर्ष पहले थाना नाराहट में 21 मई 2022 को तहरीर देकर बताया था कि उसकी पत्नी को बच्चे नहीं होने के कारण वह नाराहट क्षेत्र के एक गांव में चार माह पूर्व मंदिर पर ग्यारस के दिन भूत-प्रेत भगाने को लाया था। तब से प्रत्येक ग्यारस को वह पत्नी को लेकर मंदिर में आता रहा। तांत्रिक इंद्रपाल पुत्र सुम्मेर सिंह लोधी ने 27 अप्रैल 2022 को बंदेज के लिए उसकी पत्नी को रात नौ बजे बुलाया और पूजा करवाई। पत्नी को उसका भाई लेकर गया था, जिसे मंदिर के पास बैठा दिया और तांत्रिक उसकी पत्नी को लेकर पूजा के लिए मंदिर से दूर ले गया, जहां उसने उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया और उसकी पत्नी को जान से मारने की धमकी दी। डर की वजह से उसकी पत्नी ने उसे नहीं बताया। दुष्कर्म के बाद फिर बुलाने पर पकड़ा इसके बाद तांत्रिक ने 18 मई को फोन करके उसकी पत्नी को बुलाया। जिस पर वह नहीं जा सकी। इसके बाद अगले दिन 20 मई को फोन करने पर उसने उसे शाम को बुलाया, लेकिन पति के नहीं आने की बात कही। संदेह पर उसने अपने भाई के साथ पत्नी को आगे भेज दिया। फिर वह पीछे से अपने माता-पिता के साथ दूसरी बाइक से गया। इसी बीच पुजारी उसकी पत्नी को पूजा के बहाने दूर ले गया ओर दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। इस पर पत्नी ने विरोध किया और चिल्लाई तो वह अपने परिजनों के साथ मौके पर पहुंच गया। इसके बाद उक्त आरोपी ने अपने साथियों को बुलाकर उनके साथ मारपीट की। जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। तीन साल बाद आया फैसला इस मामले में नाराहट पुलिस ने21 मई 2022 कोतांत्रिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलों, साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर सुनवाई करते हुए इंद्रपाल को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 33 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। वहीं, न्यायालय ने अर्थदंड की राशि वसूल होने पर 20 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश भी दिए हैं। सजा से समाज में फैली कुरीतियों पर लगेगा अंकुश अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव लिटौरिया ने कहा कि न्यायालय ने इसे गंभीर आपराधिक मामला माना है। इस सजा से समाज में फैली कुरीतियों पर अंकुश लगेगा। इस प्रकार के लोग जो समाज की महिलाओं को बहकाकर शोषण करते हैं और धर्म को बदनाम करने का काम करते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 14, 2025, 10:37 IST
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