Supreme Court: न्यायमूर्ति कौल ने कहा- मुकदमों की संख्या कानूनी व्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती

सुप्रीम कोर्टके न्यायाधीश संजय किशन कौल ने सोमवार को कहा कि मुकदमों की संख्या कानूनी प्रणाली के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है और 50 प्रतिशत से अधिक मुकदमे सरकारीहैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक सरकार की मुकदमों के प्रति सोचने की प्रक्रिया में बदलाव नहीं आता, विवादों का समय से समाधान मुश्किल है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है जहां पर भारत जितने मुकदमे हैं, जहां अदालतों को बड़ी संख्या में जनहित याचिकाओं को भी सुनना होता है। उन्होंने कहा कि जब लोग पूछते हैं कि खामी क्या है और क्यों भारतीय न्यायपालिका मामलों की जल्द सुनवाई नहीं करती, तो आबादी के साथ यह भी एक कारण है। न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि आज कानूनी प्रणाली की सबसे बड़ी चुनौती मुकदमों की संख्या है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश साल में 100 मामलों की सुनवाई करते हैं जबकि भारतीय उच्चतम न्यायालय की प्रत्येक पीठ सोमवार से शुक्रवार के बीच करीब 100 मामलों की सुनवाई करती है। संख्या का यह बड़ा अंतर है। न्यायमूर्ति कौल ने यह विचार रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 द्वारा कानूनी सहायता संगोष्ठी - क्षितिज का विस्तार पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रकट किए। उन्होंने कहा कि केवल लोग ही मुकदमेबाजी में रुचि नहीं रखते बल्कि 50 प्रतिशत से अधिक मुकदमे सरकार के हैं। ऐसे में जब तक मुकदमों के प्रति सरकार की सोच की प्रक्रिया नहीं बदलती, तब तक समय से विवादों को सुलझाना मुश्किल है। उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार द्वारा किए गए मुकदमों का खर्च जनता द्वारा वहन किया जाता है, इसलिए किसी का उन पर व्यक्तिगत खर्च नहीं होता। न्यायमूर्ति कौल ने अधिकारों के प्रति लोगों के जागरूक रहने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर व्यक्ति अपने अधिकारों को नहीं जानेगा तो वह कैसे उसे लागू करेगा। उन्होंने कहा कि लोग सामाजिक आर्थिक स्तर पर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुए हैं, इसी प्रकार महिलाएं पहले अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं थीं और अब वे जागरूक हैं। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति कौल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के भी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उन्होंने जोर दिया कि कम सजा वाले अपराधों का फैसला वैकल्पिक पद्धति से किया जा सकता है।इस कार्यक्रम में सेवानिवृत्त न्यायधीश जयंत नाथ, जिला अध्यक्ष-कानूनी समिति और रोटरी जिला गवर्नर अशोक कंटूर ने भी अपनी बात रखी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 09, 2023, 23:29 IST
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