Siddharthnagar News: भुगतान के झंझट से कम हो गया गन्ना का रकबा

भुगतान में हीलाहवाली से कम हो गया गन्ने का रकबाचीनी मिलों से सिर्फ खेत स्वामियों को होता है गन्ना मूल्य भुगतानबटाईदारों के हाथ खड़ा करने से गन्ने की खेती से दूर हुए बड़े किसानसंवाद न्यूज एजेंसी सिद्धार्थनगर। भुगतान प्रक्रिया में चीनी मिलों की हीलाहवाली के कारण बड़े किसान (अधिक खेती वाले) गन्ने की खेती से दूर हो गए हैं। इससे जिले में गन्ने की खेती का रकबा घट गया है। चीनी मिलों से सिर्फ खेत स्वामियों को ही गन्ना मूल्य भुगतान किए जाने से बटाईदार गन्ना की खेती करने से हाथ खड़ा कर दिए। नतीजा बड़े किसान मजबूरन गन्ना की खेती से दूर हो गए और वर्तमान में सिर्फ छोटे किसान ही जिले में गन्ने की खेती कर रहे हैं। जिले में 30 वर्ष पूर्व 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती थी। इनमें कई किसान स्वयं के संसाधनों से गन्ना पेराई कर गुड़ आदि बनाते थे और शेष किसान चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाते थे। चीनी मिलों से तब गन्ना बिक्री करने वाले किसानों को मिली पर्ची के आधार पर नकद भुगतान मिल जाता था। कुछ वर्ष पहले बदले भुगतान प्रक्रिया के तहत खेत की खतौनी जमाकर गन्ना मूल्य धनराशि किसानों के खाते में भेजी जाने लगी। इससे खेत बटाई पर करने वालों को गन्ना मूल्य पाने के लिए बड़े किसानों पर आश्रित रहना पड़ रहा था, जिससे उन्होंने इसकी खेती से दूरी बना ली। बड़े किसानों के गन्ने की खेती से दूर होने से जिले में गन्ने की खेती का रकबा कम हो गया। गन्ना विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 15 वर्ष पहले जिले में 11 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती थी, जो अब पांच सौ हेक्टेयर से नीचे आ गई है। पिछले वर्ष जिले में 485 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी, इस वर्ष बढ़कर 498 हेक्टेयर में हुई है। तुलसियापुर प्रतिनिधि के अनुसार, बढ़नी ब्लॉक के औदही कलां, परसा स्टेशन, बोहली, मटियार उर्फ भुतहवा, तालकुंडा, मनिकौरा, गड़रखा के किसान कहते है कि 30 वर्ष पहले जिले के कछार क्षेत्र के 50 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में गन्ने की खेती होती थी जो समय के साथ कम होती गई। जिला गन्ना अधिकारी रंजीत कुमार निराला कहते हैं कि पहले की तुलना में जिले में गन्ने की खेती का रकबा घट गया है, विभाग की तरफ गन्ने की खेती का लाभ बताते हुए किसानों को जागरूक कर खेती का रकबा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। गन्ना मूल्य का भुगतान खेत स्वामी के खाते में जाने के कारण बटाईदार इसकी खेती करने से परहेज कर रहे हैं। इससे गन्ने की खेती मुश्किल हो गई है। -रामकिशोर, जलापुरवाभुगतान में देरी से बटाईदारों के गन्ने की खेती से दूरी बना लेने के कारण गन्ने की खेती नहीं हो पा रही है। इससे क्षेत्र में गन्ने की खेती का रकबा बहुत कम हो गया है। -सुमेरु गिरी, औदही कलां चीनी मिलों से गन्ना मूल्य भुगतान प्रक्रिया में झंझट के कारण किसानों का गन्ने की खेती से मोहभंग हो गया है, अब इसे नए सिरे से शुरू करने को किसानों को जागरूक करना होगा। -आशुतोष शुक्ल, मनिकौराजिले में चीनी मिल न होना, समय से पर्ची का न मिलना, उचित व समय से दाम न मिलना, गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी करना गन्ने की खेती का रकबा कम होने का कारण है। -रामचंद्र शुक्ल, परसा स्टेशन

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 13, 2023, 23:49 IST
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