Cough Syrup Deaths: उज्बेकिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में WHO, खासी सिरप इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश

उज्बेकिस्तान में 18 मौतों से जुड़े उत्पादों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत के मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो खांसी के सिरप का बच्चों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हम उज्बेकिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में हैं और बच्चों की मौत मामले में अभी भी जानकारी हासिल करने और रिपोर्ट की पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं। गौरतलब है कि बीते सालदिसंबर मेंउज्बेकिस्तान के अधिकारियों ने दावा किया था कि कफ सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत हो गई है। उज्बेकिस्तान की सरकार ने बच्चों की मौत के लिए भारत की एक दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक (Marion Biotech) द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है। यह दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था। सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है। तबविश्व स्वास्थ्य संगठनने कहा था कि वह उज्बेकिस्तान में कफ सिरप के सेवन से 18 बच्चों की मौत मामले में आगे की जांच में सहायता करने के लिए तैयार है। डब्ल्यूएचओ का कहना था कि वह उज्बेकिस्तान में स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है। गाम्बिया में हुई थी 60 से अधिक बच्चों की मौत अक्तूबर 2022 में, अफ्रीकी देश गाम्बिया में भारतीय दवा कंपनी केकफ सिरप से 60 से अधिक बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन अभी तक भारतीय कंपनी के कफ सिरप से बच्चों की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। गाम्बिया में कथित तौर पर भारत में बने कफ सिरप से बच्चों की मौत पर सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की खांसी की दवाके नमूने मानक गुणवत्ता वाले पाए गए हैं। रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने 13 दिसंबर को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा थाकि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने राज्य औषधि नियंत्रक के सहयोग से सोनीपत में मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की एक संयुक्त जांच की थी। डब्ल्यूएचओ ने जारी की थी रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठनने अक्तूबर की शुरुआत में इसे लेकर रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि खांसी की दवा डाइथेलेन ग्लाइकोल और इथिलेन ग्लाइकोल इंसान के लिए जहर की तरह हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा था कि बच्चों की मौत का संबंध चार दवाओं से है। इन सिरप के सेवन से उनके गुर्दों को क्षति पहुंची। ये चारों दवाएं हरियाणा की एक ही कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स की हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 11, 2023, 15:31 IST
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