GST Council Meeting: 'रातभर बैठने को तैयार मगर आज ही होगा फैसला', बैठक में कुछ ऐसा हुआ कि अड़ गई थीं सीतारमण

बुधवार को आम लोगों को जीएसटी से राहत देने के सवाल पर विपक्ष शासित चार राज्यों के विपरीत रुख के कारण न सिर्फ जीएसटी परिषद की बैठक लंबी हो गई, बल्कि इस मामले में मतदान कराने तक की नौबत आ गई। विपक्ष शासित चार राज्य पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और पंजाब राहत के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व हानि की व्यवस्था करने पर अड़ गए थे। इन राज्यों ने इस मामले का हल होने तक निर्णय को टालने का भी प्रस्ताव दिया था। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हर हाल में इसी दिन निर्णय लेने और जरूरी पड़ने पर मतदान कराने की चेतावनी के बाद इन राज्यों का रुख नरम पड़ा। सूत्रो ने बताया कि जीएसटी के चार स्लैब की जगह दो स्लैब रखने और करों में भारी कमी संबंधी प्रस्ताव पर इन चार राज्यों ने सवाल उठाया। इनका कहना था कि इसके कारण राज्यों को होने वाले राजस्व हानि की पूर्ति केंद्र सरकार करे, इस आशय का प्रावधान किया जाए। जब तक यह मुद्दा नहीं सुलझता तब तक इस निर्णय को टाल दिया जाए। इस मामले में लंबी बहस के बाद पश्चिम बंगाल और पंजाब तो मान गए मगर कर्नाटक और केरल अड़ गए। चार के बाद दो राज्यों के अपनी मांग पर अड़ जाने से परिषद की बैठक लंबी खिंच गई। ये भी पढ़ें:-रिपोर्ट: जनसंख्या में कामकाजी आयु वर्ग का बढ़ा अनुपात, 0-14 आयु वर्ग की हिस्सेदारी और प्रजनन दर में गिरावट मतदान की नौबत आई तो बनी बात सत्तारूढ़ राजग शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कहा कि विवाद नहीं सुलझने के कारण मतदान के जरिए फैसला होना चाहिए। छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने बार बार मतदान कराने का प्रस्ताव रखा। वित्तमंत्री ने अपनाया हमलावर रुख बात बनती न देख वित्त मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी राहत पर हर हाल में आज ही निर्णय होगा। इसके लिए वह रात भर बैठने के लिए तैयार हैं। वह चाहती हैं कि निर्णय हमेशा की तरह आम सहमति से हो। अगर आम सहमति नहीं बनी तो मतदान करा कर निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र राज्यों के परेशानियों का ख्विया रखेगा। चूंकि इसके जरिए सामान्य लोगों को राहत दी जा रही है ऐसे में विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। बंगाल, पंजाब ने केरल-कर्नाटक को मनाया वित्त मंत्री के कड़े रुख के बाद पश्चिम बंगाल, पंजाब सहित अन्य विपक्ष शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केरल और कर्नाटक के वित्त मंत्रियों को मनाया। मतदान की नौबत से पीछे हटे चारों राज्य मतदान की नौबत से होने वाले नुकसान से डर गए। दरअसल अगर मतदान होता तो यह संदेश जाता कि विपक्ष लोगों को महंगाई से राहत देने के रास्ते में रोड़े अटका रहा है। वैसे भी मतदान की स्थिति में चार राज्यों के विरोध का कोई असर पड़ने वाला नहीं था, क्योंकि इसके अलावा सभी राज्य जीएसटी में राहत देने के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 05, 2025, 06:15 IST
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