Balotra News: स्लीपर बसों की हड़ताल से ठप हुआ परिवहन, पूरे प्रदेश में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
प्रदेशभर में ऑल इंडिया परमिट वाली निजी स्लीपर बसों का संचालन शनिवार से पूरी तरह ठप हो गया है। परिवहन विभाग की कड़ी कार्रवाई और लगातार जुर्माने से नाराज निजी बस संचालकों ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसका व्यापक असर जैसलमेर और बालोतरा सहित कई जिलों में देखने को मिल रहा है। यात्रियों को जहां सफर के लिए रोडवेज बसों का ही सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं व्यापारी, विद्यार्थी और नौकरीपेशा लोग इस अचानक हुए संकट से जूझते नजर आ रहे हैं। प्रमुख रूटों पर ठप हुआ निजी बस संचालन जैसलमेर में शनिवार से अहमदाबाद, जयपुर, जोधपुर समेत कई बड़े रूटों पर स्लीपर बसों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई। शुक्रवार तक कुछ प्राइवेट बसें जोधपुर से जैसलमेर रूट पर संचालित हो रही थीं, परंतु एसोसिएशन और सरकार के बीच हुई बैठक बेनतीजा रहने के बाद, रविवार सुबह से सभी निजी बसें स्टैंड पर खड़ी कर दी गईं। शहर के एयरफोर्स चौराहा स्थित निजी बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में पार्क की गई स्लीपर बसें यात्रियों के इंतजार में खामोश खड़ी दिखीं। ट्रैवल एजेंसियों ने ऑनलाइन बुकिंग भी रोक दी है, जिससे यात्रियों की परेशानी दोगुनी हो गई है। यात्रियों की बढ़ी दिक्कतें, रोडवेज बसों पर दबाव निजी बसें बंद होने से अब प्रदेशभर में सफर का एकमात्र साधन रोडवेज बसें ही बची हैं। जैसलमेर के नीरज बस स्टैंड पर लंबी कतारों में खड़े यात्रियों को सीट के लिए मशक्कत करते देखा गया। हाल ही में स्लीपर बसों के हादसों के बाद परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में नियमों के उल्लंघन के आरोप में कई बसों पर चालान लगाते हुए कुछ को सीज किया था। इससे गुस्साए ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन ने विरोध स्वरूप यह हड़ताल की है। जैसलमेर से रोजाना करीब चालीस से ज्यादा स्लीपर बसें अहमदाबाद, जयपुर, जोधपुर और अन्य शहरों के लिए संचालित होती थीं, जो अब स्टैंड पर खड़ी हैं। इससे आम यात्रियों के साथ-साथ माल ढुलाई पर निर्भर व्यापारी भी मुश्किल में पड़ गए हैं। शहर के कई व्यवसायी जोधपुर, अहमदाबाद और जयपुर से माल मंगवाने के लिए इन्हीं बसों पर निर्भर हैं। ये भी पढ़ें-राजस्थान ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा:उदयपुर के 121 केंद्रों पर 38 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल, सख्त निगरानी बालोतरा में हड़ताल का मिला-जुला असर बालोतरा जिले में भी स्लीपर बसों की हड़ताल के असर देखे गए। शहर के बुकिंग काउंटर शनिवार से बंद रहे। हालांकि, यहां हड़ताल का मिला-जुला असर दिखा। जहां लंबी दूरी की बसें बंद रहीं, वहीं कुछ ग्रामीण रूटों पर सीमित बसें चलती दिखाई दीं। इसके बावजूद यात्रियों को वैकल्पिक इंतजाम में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। रोडवेज ने यात्रियों की कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से कई अतिरिक्त बसें चलाई हैं। इससे रोडवेज की बसों में यात्रियों की भारी भीड़ दिखाई दी। जो यात्री राज्य से बाहर जाना चाहते थे या जिनका लंबी दूरी का सफर था, उन्हें सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कॉलेज विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोग भी परेशान निजी स्लीपर बसें जैसलमेर और बालोतरा समेत आसपास के क्षेत्रों में कॉलेज विद्यार्थियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए मुख्य परिवहन साधन रही हैं। सस्ते किराए और आरामदायक सफर की वजह से इन बसों में बड़ी संख्या में यात्री सफर करते थे। अब हड़ताल के कारण कई विद्यार्थी अपने कॉलेज नहीं पहुंच पाए और नौकरीपेशा लोगों को भी अपने कार्यस्थलों तक पहुँचना भारी पड़ रहा है। मांगों पर अड़े बस संचालक, सरकार चुप निजी बस मालिकों की मांग है कि परिवहन विभाग द्वारा सख्त नियमों की बजाय बस ऑपरेटरों के साथ संवाद की व्यवस्था की जाए और चालान तथा सीज की कार्रवाई में लचीलापन रखा जाए। वहीं सरकार की ओर से इस विवाद को सुलझाने के लिए अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। हड़ताल के चलते बसों के पहिए कब फिर से दौड़ेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। फिलहाल, यात्रियों को रोडवेज की बसों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है, और सड़क परिवहन से जुड़े व्यापारी भी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 02, 2025, 14:09 IST
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