Fact Check: झूठा है शुभांशु शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन में सिर्फ यात्री के तौर पर जाने के दावा, पढ़ें पड़ताल

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन में जाने वाले भारतीय शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान सोशल मीडिया पर शुभांशु शुक्ला से संबंधित एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन में पायलट की रूप में नहीं गए थे। बल्कि वह सिर्फ एक यात्री के तौर पर अंतरिक्ष में गए थे। अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के पायलटके तौर पर गए थे। क्या है दावा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन में सिर्फ यात्रीके तौर पर गए थे। जयंत भंडारी (@JayantBhandari5) नाम के एक्स यूजर ने लिखा “वह पायलट नहीं था। वह एक यात्री था जिसके लिए भूखे, बेचारे भारतीयों ने 65 मिलियन डॉलर (550 करोड़ रुपये) चुकाए।“ पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं। इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। पड़ताल इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने कीवर्ड कीमदद से सर्च किया। इस दौरान हमें एक्सिओम स्पेस की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया किया है कि भारतीय शुभांशु शुक्ला एक्सिओम -4 मिशन के पायलट थे। रिपोर्ट में लिखा है शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए ऐतिहासिक एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के लिए पायलट के रूप में कार्य किया, इसमिशन ने मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की प्रगति पर एक अमिट छाप छोड़ी है। आगे की पड़ताल के लिए हमने अमर उजाला की न्यूज डेस्क से संपर्क किया। इस दौरान हमें एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 17अगस्त 2025 को प्रकाशित की गई है। नासा के एक्सिओम-4 अंतरिक्ष नासा मिशन के पायलट और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अमेरिका से भारत लौट आए हैं। इसके बाद हमें अमर उजाला की एक और रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 16 जुलाई 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बतायागया है, "एक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेस एक्स कंपनी का ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ था और 28 घंटे की यात्रा के बाद 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था। पृथ्वी की कक्षीय प्रयोगशाला में, शुक्ला, कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू ने अगले 18 दिन 60 प्रयोग व 20 आउटरीच सत्र आयोजित करने में बिताए। भारत ने इस एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के लिए 550 करोड़ रुपये निवेश किए थे। इस मिशन से मिले अनुभव से भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान के सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसरो गगनयान मिशन को 2027 में लॉन्च करेगा। पड़ताल का नतीजा शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन-4 के पायलट थे। वायरल पोस्ट को शेयर कर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 20, 2025, 12:55 IST
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