Mandi News: एनएचएआई काे बड़ा झटका, अब भूमि मालिकों को बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा
मंडी। फोरलेन निर्माण के लिए अपनी जमीन और घर देने वाले प्रभावितों के लिए भरी खबर है। जिला एवं सत्र न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा मुआवजे को लेकर दायर की गई 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि मध्यस्थ (मंडलायुक्त) द्वारा तय किए गए मुआवजे और ब्याज के आदेश में कोई कानूनी त्रुटि नहीं है। इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। एनएचएआई ने मंडी मंडल के डिविजनल कमिश्नर (मध्यस्थ) द्वारा पारित अवॉर्ड को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इन मामलों में भू-मालिकों ने मुआवजे में बढ़ोतरी, सांविधिक लाभ और ब्याज की मांग की थी, जिसे मध्यस्थ ने स्वीकार किया था। कई मामलों में संरचनाओं का मूल्य बढ़ाया गया था और जहां मूल्य नहीं बढ़ा, वहां भी 9 से 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने का आदेश दिया गया था।प्राधिकरण ने अपनी याचिकाओं में तर्क दिया था कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 80 और 30 राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 पर लागू नहीं होती। उनका कहना था कि मध्यस्थ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर लोगों को लाभ दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने रिकॉर्ड और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का विश्लेषण करने के बाद एनएचएआई की दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम 1996 की धारा 34 के तहत न्यायालय किसी अवॉर्ड का पुनर्मूल्यांकन नहीं कर सकता और न ही तथ्यों की दोबारा जांच कर सकता है। अदालत तभी दखल दे सकती है जब फैसले में कोई पेटेंट इलीगैलिटी (स्पष्ट अवैधता) या मौलिक कानूनी गलती हो। इन 13 मामलों में ऐसी कोई गलती नहीं पाई गई।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 05, 2025, 17:56 IST
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