Satta Ka Sangram: कल जमुई पहुंचेगा चुनावी रथ, चार विधानसभा वाले जिले में NDA का दबदबा; कैसा है सियासी इतिहास

कल 3 नवंबर 2025 दिन सोमवार की सुबह आठ बजे चाय पर चर्चा आपके शहर जमुई में होगी। अमर उजाला पर कार्यक्रम लाइव टेलीकास्ट होंगे। उसके बाद दोपहर 12 बजे युवाओं से चर्चा की जाएगी। फिर शाम 4 बजे से कार्यक्रम में सभी पार्टी के नेता/प्रत्याशियों, उनके प्रतिनिधि/समर्थकों और आम लोगों से सवाल-जवाब किए जाएंगे। ऐसे में आइये जानते हैं जमुई का इतिहास। जमुई के बारे में बिहार के दक्षिणी हिस्से में स्थित जमुई ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण जिला है। यह भूमि भगवान महावीर की जन्मस्थली मानी जाती है। खनिज संपदा, जंगल-पहाड़ और नक्सल प्रभावित इलाकों के कारण जमुई हमेशा सुर्खियों में रहा है। राजनीतिक तौर पर यहां का रुख अक्सर बदलता रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां एनडीए का प्रदर्शन मजबूत रहा था। जिले में कुल चार विधानसभा सीटें हैं।सिकंदरा, जमुई, झाझा और चकाई। इनमें चकाई सीट को अक्सर हॉट सीट कहा जाता है, क्योंकि यहां से कई बार नए चेहरे विजयी होते रहे हैं और जातीय समीकरण लगातार बदलते रहते हैं। सीटवार समीकरण यहां अगर विधानसभा वार प्रोफाइल की बात करें तो सिकंदरा सीट आरक्षित है और यहां मुख्यतः अनुसूचित जाति आबादी निवास करती है। खेती और दिहाड़ी मजदूरी प्रमुख आजीविका है। पिछली बार यहां सीपीआई (एमएल) के प्रदर्शन ने ध्यान खींचा था। जमुई सीट जिला मुख्यालय होने के कारण शहरी मतदाता यहां प्रभावशाली हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार इस क्षेत्र के मुख्य मुद्दे हैं। पिछली बार यहां राजद और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। झाझा सीट रेलवे स्टेशन, व्यापारिक केंद्र और खेती क्षेत्र के कारण विविध जनसंख्या वाला इलाका है। यादव, कोयरी, बनिया और मुसलमान मतदाता यहां निर्णायक भूमिका निभाते हैं। चकाई सीट पहाड़ी और नक्सल प्रभावित इलाका है। यह झारखंड की सीमा से सटा हुआ है, इसलिए सुरक्षा और विकास दोनों यहां प्रमुख मुद्दे हैं। जातीय समीकरण मिश्रित हैं। अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महादलित वर्ग का यहां असर है। पूरे जिले के संदर्भ में प्रमुख जन-मुद्दों में रोजगार और शिक्षा अवसरों की कमी, सड़क व स्वास्थ्य सुविधाओं की दयनीय स्थिति, नक्सल प्रभाव और सुरक्षा, पेयजल व सिंचाई की समस्या शामिल हैं। 2020 के नतीजे विधानसभा विधायक का नाम पार्टी जमुई (सदर) श्रेयसी सिंह भाजपा सिकंदरा प्रफुल कुमार मांझी हम झाझा दमोदर रावत जदयू चकाई सुमित कुमार सिंह निर्दलीय विधानसभा-विशेष मुद्दों की बात करें तो जमुई शहर में जलजमाव, ट्रैफिक और शहरी निकाय की समस्याएं प्रमुख हैं। चकाई में खनन, रोजगार और पुलिस-सड़क नेटवर्क की स्थिति चर्चा में है। झाझा में रेल कनेक्टिविटी और व्यापारिक सुविधाओं की मांग प्रमुख है। वहीं सिकंदरा में भूमि विवाद और अनुसूचित जाति कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन चुनावी बहस का केंद्र है। सत्ता का संगम प्रस्तावित कार्यक्रम सुबह आठ बजे: जिला मुख्यालय स्थित महिसौड़ी दोपहर 12 बजे :बस स्टैंड के समीप दोपहर शाम 4:00 बजे:3, श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम के समीप विशेष कवरेज को आप यहां देख सकेंगे amarujala.com, अमर उजाला के यूट्यूब चैनल और फेसबुक चैनल पर आप 'सत्ता का संग्राम' से जुड़े कार्यक्रम लाइव देख सकेंगे। 'सता का संग्राम' से जुड़ा व्यापक जमीनी कवरेज आप अमर उजाला अखबार में भी पढ़ सकेंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 02, 2025, 15:13 IST
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