Sangmam : अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे... अमर उजाला संगमम के कवि सम्मेलन में बही रसधाराएं

संगीत नाटक अकादमी में अमर उजाला संगमम केदूसरे दिन शाम भले ही सर्द हो, पर कवियों ने ओज की रचनाओं से माहौल में ऐसी गर्माहट भरी, जिससे दर्शक ताली बजाए बिना नहीं रह सके। देर रात तक रचनाओं व तालियों की जुगलबंदी चलती रही। अमर उजाला संगमम में शाम को कवि सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमकी अध्यक्षता हास्यकवि सर्वेश अस्थाना व मंच का संचालन गजेंद्र सोलंकी ने किया। जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा ने किया। मंच से भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निर्णयों, उनके बुलंद हौसलों और पारदर्शी राजनीति पर रचनाएं पढ़कर उन्हें कवियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। कवि प्रख्यात मिश्र ने अटल जी हमारे अटल ही रहेंगे रचना सुनाई। इसके बाद प्रभु श्रीराम पर केंद्रित राम वही जो जुगनु को दिनमान बनाने वाले हैं, राम वही जो केवट का अभिमान बढ़ाने वाले हैं, राम वही जो शबरी को सम्मान दिलाने वाले हैं, राम वही जो भारत की पहचान बनाने वाले हैं। सुनाकर दर्शकों की तालियां बटोरी। इससे पूर्व युवा कवि रामायण धर द्विवेदी ने अटल बिहारी वाजपेयी पर केंद्रित करे लाचार अबला को, करे विकराल चंडी भी, कभी अल्पज्ञ कर देता, कभी मूर्धन्य दंडी भी, मनुज का एक ही निर्णय बदल देता परिस्थितियां, बना देता पितामह भी, बना देता शिखण्डी भी सुनाया। उन्होंने सरस्वती वंदना से काव्यपाठ शुरू किया। उनकी रचना मुश्किलों का हल मिल जाएगा, मरुथलों में जल मिल जाएगा, आज अपना तुम सजा लो अगर, एक बेहतर कल तुम्हें मिल जाएगा श्रोताओं को बहुत पसंद आई। कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे गजेंद्र सोलंकी ने पूजन कर परमाणु शक्ति का, निज पौरुष, अटल इरादे लक्ष्य अटल हैं सुनाया। इसी क्रम में अभय सिंह निर्भीक सीना ताने स्वाभिमान से, सीमाओं पर हम रहते हैं, हंसते-हंसते वक्षस्थल पर गोली सहते हैं सुनाकर सैनिकों के शौर्य का वर्णन किया। वरिष्ठ कवि बलराम श्रीवास्तव ने सुनाया वह युग का नायक होता है, दूर प्रदूषण वैचारिक हो, मन में नमिता रह जाए। इस गीत पर दर्शकों ने कवि संग तालियां भी बजाईं। कवि मुकेश श्रीवास्तव ने सदियों का विधिविधान गया, रिश्ते के फूफा मौसी का मान गयाहाथों से हिन्दुस्तान गया सुनाई तथा अंत में हास्यकवि सर्वेश अस्थाना ने अटल जी से जुड़े किस्से सुनाए, जिन्हें दर्शकों ने बहुत ही रुचिपूर्ण सं सुना। मेरे तन में बसे हैं राम कवि सम्मेलन से पूर्व अमर उजाला संगमम के मंच पर चंद्रेश पांडेय व उपमा पांडेय ने गीतों से समां बांधा। मेरे तन में बसे हैं राम, घर में पधारो गजानन जी सहित कहरा गीत सुनाकर गायकों ने दर्शकों की तालियां बटोरीं। कीबोर्ड पर सोनू नियाजी, ऑटो पैड पर लोकेश यादव व ढोलक पर दिलीप त्रिवेदी ने संगत की। अटल जी केभइल जनमवा इसी क्रम में भोजपुरी गीतों की प्रस्तुतियां अवधे जी व साथी कलाकारों ने दी। उन्होंने भजन सुनि जाइब रामनगर में सहित अटल जी के भइल जनमवा गीत सुनाकर तालियां हासिल की। ढोलक पर सोबरन, हारमोनियम पर शिवचरण, पैड पर विख्यात ने संगत की। सहगायन अमित कुमार व पवन यादव का रहा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 25, 2022, 21:42 IST
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