India-Russia Ties: अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों की प्रौद्योगिकी साझा करेगा रूस, इस बात पर सहमत हुए मोदी-पुतिन

भारत और रूस ने तय किया है कि उनके बीच रक्षा साझेदारी सिर्फ हथियारों की खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अत्याधुनिक हथियारों का संयुक्त विकास व साझा उत्पादन भी किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी व रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच वार्ता के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि दोनों देश उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों व प्रणालियों का संयुक्त अनुसंधान, विकास, सहनिर्माण और स्थानीय उत्पादन करेंगे। दोनों नेताओं ने दोहराया कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग भारत-रूस संबंधों की नींव है। उन्होंने इसे विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी बताया। बयान में कहा गया कि भारत के मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत रूसी मूल की हथियार प्रणालियों के स्पेयर पार्ट, कलपुर्जे व अन्य सामग्री भारत में बनाई जाएगी। इसमें पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट, सुखोई-57 का उत्पादन अपने क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर करने का प्रस्ताव भी है। रूस इसके लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करेगा। साथ ही, संयुक्त उद्यम भी स्थापित किए जाएंगे। भारतीय सैन्य बलों की जरूरतें पूरी करने के अलावा मित्रवत देशों को हथियार निर्यात करने पर भी सहमति बनी है। अब दोनों देशों के बीच रसद सहायता के पारस्परिक आदान-प्रदान का समझौता और प्रासंगिक हो गया है। खुलकर नहीं किया एलान भारत और रूस ने किसी बड़े हथियार सौदे, जैसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, एस-500, एस-400 की नई खेप, का खुलकर एलान नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि इन पर चर्चा हुई है। यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि किन हथियार प्रणालियों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त विकास व उत्पादन की बात की गई है। रक्षा मंत्रियों की वार्ता के नतीजे का स्वागत दोनों नेताओं ने एक दिन पहले हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक के नतीजों का स्वागत किया। बृहस्पतिवार को हुई बैठक में राजनाथ सिंह ने विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने के लिए नए अवसरों पर जोर दिया था। इसके जवाब में आंद्रे बेलौसोव ने कहा था कि रूसी रक्षा उद्योग भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में साथ देने के लिए तैयार है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि रूस ने भारत की मेक-इन-इंडिया पहल का समर्थन किया है। रक्षा विशेषज्ञ बोले-दिखावा किए बगैर हो रहा काम रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल जी बख्शी ने कहा कि यह कहना कि रक्षा क्षेत्र में ठोस फैसले नहीं हुए, गलत होगा। दिखावा किए बगैर चुपचाप काम किया जाएगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अभी अमेरिका से हमारा व्यापार समझौता नहीं हुआ है। भारत का उद्देश्य हथियार पाना है, न कि दुनिया को चिढ़ाना। भारत-रूस साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बना लेंगे, तो अमेरिका को दिक्कत हो जाएगी। वहीं, रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल सुधाकरजी ने कहा कि कोई शक नहीं है कि समझौते किए गए होंगे, पर खुलासा नहीं किया गया है। मोदी-पुतिन के बीच समिट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सो नहीं पाएंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 06, 2025, 02:59 IST
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