Rudraksha Wearing Rules: कैसे पहनें रुद्राक्ष? ज्योतिष अनुसार जानिए धारण करने की विधि और नियम

Importance Of Rudraksha: ज्योतिष शास्त्र एवं पुराणों में वर्णित है कि रुद्राक्ष का उद्भव स्वयं महादेव शिव के नेत्रों से बहते हुए अश्रुओं से हुआ। जब सती के वियोग में भगवान शिव ने विलाप किया, तब उनके आँसू धरती पर गिरे और वहीं से उत्पन्न हुआ यह दिव्य बीज, जिसे हम रुद्राक्ष के नाम से जानते हैं। Mangal Gochar 2025:मंगल ग्रह करेंगे सिंह राशि में प्रवेश, इन राशियों की चमकेगी किस्मत और सुख-सुविधाओं में होगा इजाफा यह केवल एक प्राकृतिक बीज नहीं, अपितु देवताओं में देव महादेव की ऊर्जा का मूर्त रूप है। रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य के जीवन में शांति, बल, साहस, एवं चित्त की एकाग्रता प्राप्त होती है। साथ ही यह ग्रह दोष, नकारात्मक ऊर्जा, तथा कर्मजनित क्लेशों का शमन करने में अत्यंत प्रभावी माना गया है। Bhadra Rajyog:मिथुन राशि में बनेगा भद्र राजयोग, इन राशियों की चमक उठेगी किस्मत ज्योतिषीय दृष्टिकोण से रुद्राक्ष धारण करना तभी फलदायी होता है जब उसे नियम, विधि-विधान, तथा पवित्रता के साथ धारण किया जाए। प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष विशेष ग्रहों से संबंधित होता है, और उचित व्यक्ति को उपयुक्त दिन, शुभ मुहूर्त में उसका धारण करना चाहिए। आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने की विधि, आवश्यक नियम, मंत्र और इससे प्राप्त होने वाले ज्योतिषीय लाभों के विषय में। Shani Dev Ki Priya Rashi:शनिदेव की विशेष कृपा से इन राशियों का भाग्य बदलता है, मिलता है अपार धन और प्रतिष्ठा

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 17, 2025, 11:05 IST
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