ऋषि पंचमी आज: सप्तऋषियों की आराधना और पवित्रता, तपस्या और पारिवारिक सुख-समृद्धि का व्रत

Rishi Panchami 2025:आज, 28 अगस्त को ऋषि पंचमी का त्योहार है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी व्रत धर्म, पवित्रता और सात्त्विक जीवन की साधना का प्रतीक है। यह पर्व सप्त ऋषियों कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, जमदग्नि, गौतम, भारद्वाज और विश्वामित्र की स्मृति और वंदना का दिन है। वेदों के उपदेशक और धर्ममार्गदर्शक इन ऋषियों ने समाज को शास्त्रों की दिशा दिखाई। यही कारण है कि ऋषि पंचमी विशेष रूप से स्त्रियों के लिए आत्मशुद्धि और धर्मपालन का अवसर माना जाता है। ऋषि पंचमी का महत्व धार्मिक मान्यता है कि मासिक धर्म के दौरान यदि अनजाने में भी किसी स्त्री से धर्मविरुद्ध कार्य हो जाए तो उसके दोष निवारण के लिए यह व्रत अत्यंत प्रभावकारी है। यह पर्व नारी की गरिमा और पवित्रता को संजोने वाला माना गया है। ऋषि पंचमी का उद्देश्य केवल दोषमोचन ही नहीं, बल्कि जीवन में सात्त्विकता, अनुशासन और धार्मिक नियमों की स्थापना भी है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन श्रद्धा से व्रत करने पर सभी पाप नष्ट होते हैं और ऋषियों का आशीर्वाद जीवन को मंगलमय बना देता है। पूजन की पद्धति इस दिन व्रती महिलाएं प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और व्रत का संकल्प लेकर पूजन प्रारंभ करती हैं। पूजा स्थल पर मिट्टी का चौकोर मंडल बनाकर सप्त ऋषियों की मूर्ति या चित्र स्थापित किया जाता है। यदि यह उपलब्ध न हो तो सात पात्रों में जल, चावल और पुष्प रखकर प्रतीकात्मक पूजन किया जाता है।गंगाजल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करने के बाद चंदन, अक्षत, रोली, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। सप्त ऋषियों के नाम लेकर पुष्प चढ़ाना आवश्यक माना गया है। अंत में व्रती स्त्रियां ऋषियों से क्षमा याचना करती हैं। Shardiya Navratri 2025:कब से शुरू है शारदीय नवरात्रि 2025 जानें तिथि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त तुलसी आराधना से सिद्ध होता है व्रत का फल ऋषि पंचमी पर तुलसी पूजन की विशेष परंपरा है। इस दिन घर में तुलसी के पौधे के सामने दीप प्रज्वलित किया जाता है और उसकी 108 परिक्रमा की जाती है। मान्यता है कि तुलसी की आराधना से ऋषियों की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का फल सिद्ध होता है। साथ ही, तुलसी पूजा से जीवन में शुद्धता, सात्त्विकता और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है। इस दिन व्रती को अन्न का त्याग कर फलाहार करना चाहिए। व्रत का पुण्यफल ऋषि पंचमी व्रत करने से स्त्रियों को धार्मिक शुद्धता और आत्मबल की प्राप्ति होती है। यह व्रत पूर्व जन्मों के दोषों का निवारण कर जीवन को पवित्र और संतुलित बनाता है। सप्त ऋषियों की कृपा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं। Radha Ashtami Vrat:राधा अष्टमी का व्रत रखते समय इन नियमों का करें पालन, वरना अधूरा रह जाएगा व्रत

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 28, 2025, 11:30 IST
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