Etawah News: उद्योग तो लगा लें, पर बिजली और जमीन तो दो

इटावा। इंवेस्टर्स मीट में उद्यमियों ने उद्योग लगाने और लोगों को रोजगार देने की चाह बताई। इसके साथ डीएम और विधायक के सामने बिजली कटौती और जमीन उपलब्ध न होने की समस्याएं भी गिनाईं। उपायुक्त ने बताया कि अभी तक 812 करोड़ के इंडेंट भरवाए जा चुके हैं। बुधवार को विकास भवन के प्रेरणा सभागार में जिला स्तरीय इंवेस्टर्स मीट का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि सदर विधायक सरिता भदौरिया ने सरकार के उद्देश्य बताए। डीएम अवनीश राय ने सुगम व्यवस्था की बात कही। अच्छे उद्योग लगाने के लिए कहा। उद्यमियों ने अनुभव साझा किए। इकदिल में संचालित श्वेता डेयरी के संचालक पीके सिंह ने बताया कि 2016-17 तक उन्हें शहरी उपकेंद्र से बिजली मिलती थी। इसके बाद इसे ग्रामीण उपकेंद्र से जोड़ दिया गया। अब बमुश्किल चार से पांच घंटे ही बिजली मिल पाती है। मशीनें जनरेटर से चलानी पड़ती हैं। इसके कारण कभी-कभी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है। कुछ उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र सराय ऐसर की महंगी जमीन मुद्दा उठाया। कहा कि एक ओर उद्योग लगाने के लिए अनुदान देने की बात की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इतनी महंगी जमीन मिल रही है कि बजट बिगड़ रहा है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में आठ से 10 हजार रुपये वर्ग फीट तक जमीन पट्टे पर दी जा रही है। इसे कम दामों पर उपलब्ध कराया जाए। कानपुर से आए एमएसएमई, टेक्सटाइल, पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में 70 उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर एडीएम जयप्रकाश, एसपी सिटी कपिल देव सिंह आदि मौजूद रहे। यह सुझाव दिए- कमदामों पर जमीन दें।- सैफई हवाई अड्डे को शुरू कराएं। - पर्यटन हब के रूप में जिले को विकसित करें।- पराली से दोने, पत्तल और खाद्य सामग्री यूनिट लगाने के लिए दें सहयोग। एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे ने आसान की राहडीएम अवनीश कुमार राय ने कहा कि जिले से दो एक्सप्रेसवे और एक नेशनल हाईवे ने दिल्ली और लखनऊ की राह आसान की है। इससे उद्यमियों को माल लाने और ले जाने में आसानी होती है। यहां के पौराणिक किले और मंदिर भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से लोगों को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि एएमयू हस्ताक्षर होने के बाद टैक्स बढ़ने या अन्य कई तरह की लोगों में भ्रांतियां हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है। हस्ताक्षर इसलिए कराए जा रहे हैं ताकि सरकार समझ सके कि लोग किस दिशा में काम करना चाहते हैं। उसी के अनुसार मूलभूत सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा। एमपी के उद्यमी भी निवेश के लिए तैयारजिला उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार ने बताया कि इन्वेस्ट यूपी वेबसाइट पर तीन वर्गों में पंजीकरण किया जा सकता है। पहले अगले पांच साल में निवेश करने वाले, दूसरा उद्योग को बढ़ाने वाले या उद्योग को अन्यत्र लगाने वाले पंजीकरण करा सकते हैं। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना और एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है। सरकार की योजनाओं को देखकर उदी क्षेत्र से लगे मध्यप्रदेश के लोग भी जिले में निवेश करना चाहते हैं। वह फोन पर लगातार जानकारियां ले रहे हैं।उद्यमियों की प्रतिक्रिया यूकावा ग्रुप के संचालक प्रवीन गुप्ता ने बताया कि वह 2019 से दोपहिया और तीन पहिया वाहन की डीलरशिप लिए हैं। उनका 13 राज्यों तक काम है। जल्द ही वह सरकार के सहयोग से अब जिले में ही बैटरी चालित वाहनों की फैक्टरी लगाने वाले हैं। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल सकेेगा। ऊनी कपड़ों के कारोबारी भारतनाथ भारद्वाज ने कहा कि फैक्टरी लगाने के लिए कम दामों में जमीन उपलब्ध नहीं हो रही है। इससे नई यूनिट शुरू करने में परेशानी हो रही है। जमीन के दाम कम करने के साथ ही औद्योगिक पार्क भी बनाना चाहिए। फर्नीचर कारोबारी अमित कुमार ने कहा कि उद्योग लगाने के लिए बिजली विभाग की ओर से भी सहयोग किया जाना चाहिए। बिजली के दाम कम किए जाएं। आएदिन कटौती से उद्योगों के संचालन में परेशानी होती है। अतुल गुप्ता ने बताया कि वह सरसों के तेल बनाने की कंपनी चला रहे हैं। वह सरकार की मदद से सॉलवेंट प्लांट लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे सरसों की खली में बचे सात प्रतिशत तेल को भी निकाला जा सकता है। मनियामऊ गांव के उद्यमी शशांक भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने गांव में ही पराली से दोने, पत्तल बनाने की यूनिट डाली है। पराली और गोबर के प्रयोग से कई कीटनाशक भी बनाए जा सकते हैं। यूनिट के लिए प्रक्रिया शुरू की है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 18, 2023, 23:51 IST
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