Ayodhya News: नववर्ष में बढ़ेगी रामनगरी की समृद्धि और प्रतिष्ठा

अयोध्या। बीता वर्ष 2022 भारत व अयोध्या के लिए कुछ अच्छे व कुछ बुरे अनुभव वाला रहा। अब नए वर्ष 2023 का आगाज हो चुका है। ज्योतिषविदों ने ग्रहों के गोचर और सितारों की स्थिति के आधार पर दावा किया है कि साल 2023 अयोध्या के लिए उपलब्धियों भरा होगा। नए साल में रामनगरी की प्रतिष्ठा व समृद्धि बढ़ेगी।अश्विनी नक्षत्र में रविवार को नए वर्ष का शुभारंभ हो रहा है। इस दिन बुधादित्य योग बन रहा है। अयोध्या सहित तीर्थनगरियों का विकास होगा। ज्योतिषियों के अनुसार अयोध्या तरक्की के पथ पर तेजी से गतिमान होगी। जुलाई से अक्तूबर के मध्य रामनगरी का स्वर्णिम काल होगा। वहीं 2023 में भारत संपूर्ण विश्व में अपना उच्च स्थान प्राप्त करेगा। संपूर्ण विश्व में भारत का नेतृत्व सराहनीय रहेगा। हालांकि राजाओं से प्रजा पीड़ित रहेगी। इस वर्ष ग्रहों की जो स्थिति है उसके अनुसार सदाचारी राजाओं की ख्याति बढ़ेगी। भारत के सीमावर्ती देशों में विवाद की स्थिति रहेगी। अंकशास्त्र के अनुसार 2023 का कुल योग सात आता है, जो केतु का अंक है। केतु आध्यात्मिकता तो देता है, लेकिन यह वायरस का भी प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में वायरस जनित बीमारियां फैल सकती हैं। दुनिया में ऊंचा होगा रामनगरी का मस्तक अयोध्या। ज्योतिषविद् पंडित कौशल्यानंदन बताते हैं कि नववर्ष 2023 के लग्नेश मंगल हैं। चूंकि नए साल का शुभारंभ कन्या लग्न में हो रहा है, इसके अधिपति बुध हैं। ऐसे में वर्ष 2023 के राजा बुध होंगे। इस बार देश में कृषि योग्य जलवृष्टि होगी। सप्तपुरियों में अयोध्या को मस्तक कहा गया है। कन्या लग्न पर गुरू की पूर्ण दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में रामनगरी का मस्तक ऊंचा होगा, धन-धान्य में वृद्धि होगी, ख्याति व महिमा बढ़ेगी। बताया कि इस साल स्वातिनक्षत्र, रविवार, आयुष्मान योग में दीपावली पड़ रही है जो कि शुभ नहीं माना जाती। ऐसे में राजाओं में युद्ध की स्थिति बनेगी, पशुओं का नाश होगा। देेश के किसी बड़े राजनीतिज्ञ की हानि की संभावना भी दिख रही है।धार्मिक रूप से अयोध्या को मिलेगी नई पहचान आचार्य शिवेंद्र बताते हैं कि नए वर्ष की शुरुआत इस बार अश्विनी नक्षत्र में रविवार से हो रही है। 1 जनवरी 2023 को सूर्य धनु राशि पर हैं, इस दिन चंद्रमा मेष राशि पर और गुरू मीन राशि पर रहेंगे। ऐसे में आने वाला वर्ष भारत व विशेष रूप से अयोध्या की प्रतिष्ठा के लिए काफी अच्छा रहेगा। धार्मिक रूप से अयोध्या को एक नई पहचान मिलेगी। बताया कि अप्रैल से लेकर जून तक के समय में अयोध्या में कुछ हलचल और उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। जुलाई से अक्तूबर तक अयोध्या नई पहचान बनाने के लिए कदमताल करती दिखेगी। यह रामनगरी के लिए स्वर्णिम काल होगा। कई बड़ी विकास योजनाएं भी मूर्त रूप में आ सकती हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 31, 2022, 23:46 IST
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