चमत्कारिक रमल ज्योतिष विद्या बताती है सटीक भविष्य, भगवान शिव ने सती को खोजने के लिए किया था प्रयोग

Ramal jyotish 2025: रमल ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र की एक प्रमुख शाखा है, जिसका जन्म भारत में हुआ था। यह विद्या मुख्य रूप से रेत पर अंकों और रेखाओं के माध्यम से भविष्यवाणी करने की प्रक्रिया पर आधारित है। शुरू में भारत में यह अत्यधिक प्रचलित थी, लेकिन समय के साथ इसका प्रभाव कुछ कम हो गया। मुगलों के आगमन के बाद, यह विद्या अरब देशों में पहुंची और वहां इसने अपनी पहचान बनाई, जहां इसे "इल्म-ए-रमल" के नाम से जाना गया। Bhadrapada Amavasya 2025:22 या 23 अगस्त कब है भाद्रपद अमावस्या जानें तिथि और पितृ दोष मुक्ति उपाय अरब देशों में रमल ज्योतिष का प्रभाव तेजी से बढ़ा और यहाँ इसे न केवल ज्ञान का एक हिस्सा माना गया, बल्कि यह समाज में भी लोकप्रिय हो गया। कई मुसलमान ज्योतिषी इसे भारत के प्राचीन बिंदु विज्ञान से जुड़ा मानते हैं, जिसे समय के साथ विस्मृत कर दिया गया था। हालांकि, भारत में यह विद्या धीरे-धीरे कम हो गई, लेकिन अरब में इसका प्रसार और विकास हुआ, जिससे यह एक नया रूप लेकर सामने आई। Teej Vrat:देशभर में 7 तरह की मनाई जाती हैं तीज, जानिए हरतालिका तीज से लेकर कजरी तीज तक सबके विधान

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 21, 2025, 15:02 IST
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