Highcourt: स्कूल में मजे कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर सेल्फी, यौन उत्पीड़न के अगले दिन कोई ऐसा नहीं करता
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस के मामले में दोषी ठहराए गए शिक्षक की सजा को अपील लंबित रहते निलंबित कर दिया है। अपने आदेश में जस्टिस नमित कुमार ने कहा कि कोई भी बच्चा जिसने ऐसी घटना का अनुभव किया होगा, वह कुछ समय के लिए मानसिक रूप से परेशान होता है। वर्तमान मामले में घटना के ठीक अगले दिन 3 नवंबर 2022 को पीड़ित अपने माता-पिता के साथ पेरेंट टीचर्स मीटिंग में गई थी और उसने स्कूल में कुछ तस्वीरें भी खींची थीं। इन तस्वीरों को उसने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए स्कूल में मजे कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। एक नाबालिग से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती, जिसका सिर्फ एक दिन पहले स्कूल में उसके टीचर ने यौन उत्पीड़न किया था। जस्टिस कुमार ने कहा कि कथित घटना के बाद पीड़िता का व्यवहार और बर्ताव उसकी बात पर भरोसा नहीं जगाता है। पीड़िता के व्यवहार में डर, ट्रॉमा और इमोशनल परेशानी का कोई संकेत नहीं दिखता, जिसकी उम्मीद आमतौर पर इतने गंभीर अपराध के पीड़ित से की जाती है। आरोप के मेडिकल या साइंटिफिक सबूत नहीं मिले अभियोजन के अनुसार 7वीं क्लास की 12 वर्षीय छात्रा ने आरोप लगाया था कि उसके शिक्षक दिनेश कुमार ने उसे मिलने बुलाया और गंदी बातें करते हुए गलत तरीके से छुआ। इस घटना की जानकारी घर पहुंचकर पीड़िता ने परिजनों को दी और शिकायत के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। अदालत ने याची को पोक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुना दी। सजा निलंबित करने की मांग करते हुए याची ने कहा कि पीड़ित को स्कूल में मोबाइल फोन लाने और वीडियो रील बनाने के लिए उसने डांटा था, इसका बदला लेने के इरादे से यह आरोप लगाए गए हैं और याची को फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा कि याची पिछले 1 साल से हिरासत में है और सजा के खिलाफ अपील पर जल्द सुनवाई की संभावना नहीं है। इस मामले में मेडिकल या साइंटिफिक सबूत नहीं हैं ऐसे में याची की सजा को अपील के लंबित रहते निलंबित किया जा सकता है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 12, 2025, 05:06 IST
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