1596 करोड़ का लोन घोटाला: हाईकोर्ट ने कहा- आर्थिक अपराध देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से 1596. 94 करोड़ रुपये का लोन लेने और बाद में इसका भुगतान न करने के मामले में आरोपी की नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा कि आर्थिक अपराध देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं। इस प्रकार के अपराध के आरोपी जमानत की रियायत का हकदार नहीं है। याचिकाकर्ता फरीदाबाद निवासी भगवान दास गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि 11 जून 2021 को कंपनी एक्ट के तहत एसआरएस ग्रुप के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से 1596. 94 करोड़ रुपये का लोन लेकर वापस नहीं करने का केस दर्ज किया गया था, जबकि यह मामला 2017 का है। चार साल की देरी से उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। याचिकाकर्ता ने नियमित जमानत देने की मांग करते हुए बताया कि वह एसआरएस ग्रुप में निष्क्रिय निदेशक था। सरकार ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कंपनी एक्ट में निष्क्रिय निदेशक जैसा कोई शब्द ही नहीं है। हाईकोर्ट ने आरोपी की याचिका खारिज कर दी। कंपनी अधिनियम के अनुसार निदेशक का कर्तव्य होता है कि वह सुनिश्चित करे की धन की कोई हेरा-फेरी या डायवर्ट तो नहीं किया जा रहा फिर भी कंपनी के मामलों में सक्रिय रूप से भाग लेने और वित्तीय विवरणों पर हस्ताक्षर करने के बाद याचिकाकर्ता यह दलील नहीं दे सकता है कि वह एक निष्क्रिय निदेशक था और उस पर अपराध की जिम्मेदारी नहीं बनती।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 12, 2023, 21:34 IST
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