PSU: निजीकरण के बाद भी पीएसयू को पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों में मिलती रहेगी छूट, नहीं की गई अवधि तय

निजीकरण के बाद भी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों में छूट मिलती रहेगी। सरकार ने सूचीबद्ध पीएसयू के लिए न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों में छूट को जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि, निजीकरण के बाद नए मालिक के लिए छूट की अवधि तय नहीं की गई है। एक अधिसूचना में कहा गया है कि सूचीबद्ध पीएसयू को एमपीएस मानदंड से एक निश्चित अवधि के लिए छूट मिलती रहेगी। भले ही छूट दिए जाने के बाद कंपनी के स्वामित्व या नियंत्रण में बदलाव हो। इसका मतलब है कि अगर कोई सरकारी कंपनी अभी इस छूट का लाभ उठा रही है तो उसके निजीकरण के बाद भी यह लाभ मिलता रहेगा। हालांकि, नियमों के अनुसार, सूचीबद्ध पीएसयू को न्यूनतम 25 फीसदी एमपीएस बनाए रखने की जरूरत होती है। आईडीबीआई बैंक के मामले में भी मिलेगा लाभ एक सरकारी सूत्र ने बताया कि आईडीबीआई बैंक को भी एमपीएस नियमों के तहत छूट दी जाएगी, जिसमें हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं। निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कई वर्षों से सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों को एमपीएस मानदंड से छूट दे रहा है। निजीकरण की स्थिति में पीएसयू के लिए उस छूट का विस्तार करने से अधिक निवेशक सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने को प्रोत्साहित होंगे। निजीकरण अभियान ने नहीं पकड़ी गति सरकार के निजीकरण अभियान ने अभी तक उतनी गति नहीं पकड़ी है, जितनी उम्मीद की गई थी। इसे रफ्तार देने के लिए सेबी ने पिछले महीने कहा था कि उन मामलों में सूचीबद्ध दायित्वों में ढील दी जाएगी, जहां केंद्र सरकार निजी खरीदार को अपनी बहुमत हिस्सेदारी बेचती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 04, 2023, 01:54 IST
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