पीयू छात्रसंघ चुनाव: रियल के साथ रील में लड़ा जा रहा चुनाव, प्रोफेशनल कैमरे से शूट...हजारों खर्च

चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में इस बार प्रचार का असली अखाड़ा सोशल मीडिया बन गया है। कक्षाओं के देर से शुरू होने के कारण छात्र नेताओं को नए छात्रों तक सीधा पहुंचने का मौका नहीं मिला, लिहाजा इंस्टाग्राम की रील ही सबसे बड़ा हथियार हैं। प्रोफेशनल कैमरों से शूट और एडिट कर तैयार वीडियो को जोशीले गानों के साथ छात्रों तक पहुंचाया जा रहा है। वोटरों को प्रभावित करने के लिए इन्हें स्पॉन्सर्ड कर हजारों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कई छात्र संगठनों ने प्रोफेशनल वीडियोग्राफर और एडिटिंग टीम हायर की है। ये टीमें कैंपस और अलग-अलग जगह पर शूट कर हाई-क्वालिटी वीडियो बनाती हैं। इसके बाद उन्हें एडिट कर खास तौर पर इंस्टाग्राम पर डाला जाता है। छात्रों को प्रभावित करने के लिए बैकग्राउंड में ट्रेडिंग म्यूजिक और जोशीले गाने जोड़े जाते हैं। रील्स सिर्फ अपलोड करने तक सीमित नहीं हैं। संगठनों ने इन्हें ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुंचाने के लिए इंस्टाग्राम पर स्पॉन्सर्ड एड्स का सहारा लिया है। इंस्टाग्राम पर लगभग 50 हजार छात्रों तक वीडियो को पहुंचाने के लिए संगठन को एक दिन में करीब 2000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जिस भी वीडियो पर पैसे खर्च किए गए होते हैं उसके नीचे स्पॉन्सर लिखा होता है। कई छात्र संगठन कई दिनों से वीडियो को पैसे खर्च करके बूस्ट कर रहे हैं। अगर किसी को ज्यादा छात्रों तक पहुंचना है तो वह एक दिन के लिए 5 हजार रुपये भी खर्च कर रहे हैं। ध्यान रहे यह सिर्फ एक दिन के लिए और सिर्फ एक वीडियो के लिए है। एक संगठन एक वीडियो से ज्यादा वीडियो को भी पैसे देकर बूस्ट कर रहे हैं। आर्ट्स और एलएलबी की कक्षाएं लेट शुरू, मिल ही नहीं पाए छात्र नेता इस बार हालात ऐसे बने कि छात्र संगठनों को सोशल मीडिया पर ज्यादा जोर देना पड़ा। आर्ट्स डिपार्टमेंट की कक्षाएं 25 सितंबर के बाद शुरू हुई हैं जबकि एलएलबी फर्स्ट ईयर की कक्षाएं दो दिन पहले से ही शुरू हुई हैं। ऐसे में नए छात्रों से सीधे संपर्क का मौका नेताओं को नहीं मिल पाया। चूंकि इन दोनों डिपार्टमेंट्स में बड़ी संख्या में एडमिशन होते हैं और ये छात्र चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए संगठनों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें साधने का प्लान बनाया। कैंपस के छात्र भी अब हर दिन अपनी फीड में चुनावी रील और पोस्ट देख रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर भी लड़ा जाता है एक चुनाव : लुबाना वरिष्ठ छात्र नेता मनोज लुबाना ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चुनाव के पैटर्न में काफी बदलाव आया है। छात्रों से व्यक्तिगत मिलना तो हमेशा ही जरूरी रहा है लेकिन अब एक चुनाव सोशल मीडिया पर भी लड़ा जाता है। इसमें इंस्टाग्राम के वीडियो रील बड़ी भूमिका निभाते हैं। स्टूडेंट इंस्टाग्राम ज्यादा चलाते हैं इसलिए सभी संगठन इस पर काफी फोकस कर रहे हैं। सोशल मीडिया के लिए दिल्ली से आए कार्यकर्ता : सक्षम एबीवीपी के कार्यकर्ता सक्षम ने कहा कि पिछले एक-दो साल में यह ट्रेंड काफी बढ़ा है। एबीवीपी ने इसकी पहले से ही तैयारी कर रखी थी और इसके लिए नई दिल्ली से कार्यकर्ताओं की एक टीम भी बुलाई गई है, जो हाई क्वालिटी वीडियो-पोस्टर तैयार करती है। अब चुनाव का बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर ही लड़ा जा रहा है। लगभग 70 प्रतिशत मुकाबला वहीं होता है। सोशल मीडिया वन-टू-वन इंटरेक्शन का बड़ा माध्यम है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 01, 2025, 12:35 IST
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