मनोविज्ञान: आप सभी को खुश नहीं रख सकते... ऐसी आदत असुरक्षा के जाल में फंसा सकती है

लोगों को जरूरत से ज्यादा खुश करने की आदत कभी-कभी असुरक्षा के जाल में फंसा सकती है। मनोचिकित्सक मेग जोसेफसन कहती हैं कि मुसीबत में होने की कष्टदायक भावना आम बात है, और इसे दूर रखने के लिए कुछ लोग जो रणनीति अपनाते हैं, उसका नाम है-चापलूसी। जब हम खतरे का आभास करते हैं, तो हमारा तंत्रिका तंत्र तीन तरह से प्रतिक्रिया करता है-लड़ना, भागना या ठहर जाना। लेकिन कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि चापलूसी करना तनाव की चौथी प्रतिक्रिया है। मनोवैज्ञानिक पीट वॉकर बताते हैं कि चापलूसी लोगों को खुश करने का चरम रूप है। मैंने जोसेफसन से तीन मुख्य बातें समझाने को कहा, जो लोगों को चापलूसी करने से रोकने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा, यह मत मानिए कि कोई नाराज है। इसके लिए आप खुद से ये सवाल पूछ सकते हैंः क्या मैं जो कहानी खुद को सुना रह हूं, वह पूरी तरह सच है क्या इस व्यक्ति का व्यवहार असामान्य है या बस उसके संवाद करने का तरीका ही ऐसा है। ऐसा नहीं है कि लोग आपसे कभी नाराज नहीं होंगे। लेकिन रुककर खुद को याद दिलाना मददगार होता है कि आपका बेचैन मन अतीत में आपसे झूठ बोल चुका है। जोसेफसन कहती हैं कि जो लोग आदतन चापलूसी करते हैं, उनके लिए सीमाएं तय करना और 'न' कहना थोड़ा डराने वाला हो सकता है। इसलिए कम जोखिम वाली परिस्थितियों से शुरुआत करें। ध्यान दें कि आप कब लोगों को खुश करने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं, जो आपके हृदय से नहीं निकल रही हैं। अगर कोई व्यक्ति आपसे कहता है कि वह आपसे नाराज नहीं है, तो उसकी बात मान लीजिए। जोसेफसन कहती हैं कि अगर कोई व्यक्ति सीधे तौर पर आपके सामने अपनी बात नहीं रखता, तो आपको उसे ठीक करने की कोई जरूरत नहीं है। ईमानदार और स्पष्ट संवाद किसी भी रिश्ते का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और यह मतभेद को मिटा देता है। अगर आप कोई योजना रद्द कर रहे हैं, तो कोई बहाना बनाने के बजाय ईमानदार रहें, ताकि सामने वाला नाराज न हो। यह तरीका थोड़े समय के लिए भले ही असुविधाजनक लगे, लेकिन हमारी बहुत ऊर्जा बचाता है और उन रिश्तों को मजबूत बनाता है, जिनकी हम सचमुच कद्र करते हैं। जोसेफसन कहती हैं कि हर किसी को खुश करना आपके वश में नहीं है। आपके वश में यह है कि आप अपना समय, अपनी ऊर्जा और अपना ध्यान कैसे लगाते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 24, 2025, 06:16 IST
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