MEA: 'देशवासियों को सस्ती दरों पर ऊर्जा देना सरकार की प्राथमिकता', रूस से आपूर्ति पर विदेश मंत्रालय की दो टूक

केंद्र सरकार ने एक बार फिर दोहराया कि ऊर्जा खरीद के फैसले राष्ट्रीय हितों, वैश्विक बाजार की गतिशीलता और 1.4 अरब नागरिकों को सस्ती दरों पर ऊर्जा उपलब्ध कराने की आवश्यकता से प्रेरित होते हैं। यह भी पढ़ें - AYUSH: 100 से अधिक देश ढूंढ़ेंगे पारंपरिक चिकित्सीय नए गुर; 17-19 दिसंबर तक WHO का दूसरा वैश्विक शिखर सम्मेलन 'ऊर्जा आपूर्ति की खरीद का निर्णयव्यावसायिक विचारों परआधारित' विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि भारतीय कंपनियों की ओर से तेल और अन्य ऊर्जा आपूर्ति की खरीद का निर्णय पूरी तरह से व्यावसायिक विचारों पर आधारित होता है। यह बयान पश्चिमी देशों के भू-राजनीतिक दबाव के बावजूद रूस से ऊर्जा आपूर्ति जारी रखने के सवाल पर आया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बयान के बाद टिप्पणी रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए रूस के स्थिर और निर्बाध ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बने रहने की पुष्टि की थी। पुतिन ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस में कहा था कि हम ऊर्जा में एक सफल साझेदारी देख रहे हैं। यह भी पढ़ें - India-EU FTA: 'भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता जल्द पूरा हाने की उम्मीद', गोयल बोले- पूरी निष्ठा से कर रहे काम भारत के ऊर्जा विकास के लिए रूस करता है आपूर्ति रूस तेल, गैस, कोयला और भारत के ऊर्जा विकास के लिए आवश्यक हर चीज की एक विश्वसनीय आपूर्ति है। वहीं, दक्षिण एशिया विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने सलाह दी है कि यूक्रेन संघर्ष के चलते उत्पन्न हुए भू-राजनीतिक दबाव के बीच भारत को रूस के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को लेकर बहुत सतर्क रहना होगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 09, 2025, 06:09 IST
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