Jhansi News: प्राइवेट बैंकों ने बंद किए दरवाजे, स्वरोजगार का सपना सरकारी बैंकों के सहारे

झांसी। केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं को लेकर प्राइवेट बैंकों ने अपने दरवाजे बंद कर रखे हैं। अधिकांश योजनाएं सरकारी बैंकों के कंधों के सहारे ही आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, पीएम स्वनिधि, किसान क्रेडिट कार्ड समेत अन्य सभी योजनाओं में प्राइवेट बैंकोें की भागीदारी शून्य है। सरकारी आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी योजना), प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पशुपालक क्रेडिट कार्ड पूरी तरह सरकारी बैंकों पर ही निर्भर हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी एवं प्राइवेट बैंकों के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय होते हैं लेकिन, प्राइवेट बैंकों ने इनसे दूरी बना रखी है। पीएमईजीपी योजना के तहत जनपद में 623 लाभार्थियोें को लाभ दिया जाना था। इनमें सर्वाधिक पंजाब नेशनल बैंक (153), प्रथमा ग्रामीण बैंक (159), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (92), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (40) ने लाभार्थियों को लाभ दिया जबकि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसन बैंक समेत अन्य दिग्गज प्राइवेट बैंक एक भी लाभार्थी को फायदा नहीं दे सके। यह हाल केंद्र सरकार की सबसे बड़ी रोजगार सृजन योजना का है। इसी तरह अन्य योजनाओं के दरवाजे भी निजी बैंकों ने बंद कर रखे हैं। वहीं, एलडीएम अजय शर्मा का कहना है प्राइवेट बैंकों के साथ तालमेल बनाने की कोशिश की जाती है। नियमित तौर पर उनको पत्र भेजकर लक्ष्य पूरा करने को कहा जाता है। योजना का नाम सरकारी बैंक प्राइवेट बैंकप्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 623 0प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना 15000 32किसान क्रेडिट कॉर्ड 1,70000 6000पशुपालक क्रेडिक कॉर्ड 9000 0एनपीए होने के डर से प्राइवेट बैंक नहीं दिखाते दिलचस्पी कई सरकारी योजनाओं मेें बिना बैंक गारंटी के ही ऋण दिए जाने की व्यवस्था है। ऐसे में इस ऋण के एनपीए हो जाने की आशंका सर्वाधिक होती है। इन ऋण योजनाओं के जोखिम को देखते हुए ही अधिकांश प्राइवेट बैंक इन योजनाओं के ऋण मंजूर नहीं करते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 03, 2023, 23:43 IST
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