कल्याण सिंह का राजनीतिक सफर: 10 बार विधायक, दो बार सांसद, सीएम, राज्यपाल रहे...सिर्फ दो चुनाव हारे
कल्याण सिंह अतरौली कस्बे के छोटे से गांव मढ़ौली के किसान परिवार में पांच जनवरी 1932 को जन्मे थे। अपने राजनीतिक जीवन में वह सिर्फ दो बार ही चुनाव हारे। इस दौरान 10 बार विधायक और दो बार सांसद रहे। अतरौली विधानसभा से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले कल्याण सिंह पहली बार 1962 का चुनाव हारे। फिर 1967, 1969 व 1974 में लगातार अतरौली से विधानसभा चुनाव जीते। इस बीच वह आपातकाल में 1975 व 1977 में जेल भी गए। 1977 में चौथी बार फिर जीते और स्वास्थ्य मंत्री बने। इंदिरा लहर में 1980 का चुनाव भी हारे। 1985 में फिर जीते और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने। 1989 में फिर जीतकर नेता विधायक दल और 1991 में जीत कर मुख्यमंत्री बने। 1993 में नेता विधायक दल और 1996 में फिर जीतकर मुख्यमंत्री व भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने। 1999 में राष्ट्रवादी क्रांति पार्टी बनाई। 2004 में फिर भाजपा से बुलंदशहर से सांसद बने। 2009 में एटा से निर्दल सांसद, 2014 में राजस्थान के राज्यपाल बने। कुछ समय के लिए हिमाचल के राज्यपाल भी रहे। उनकी विरासत के तौर पर उनकी पुत्रवधू प्रेमलता वर्मा 2004 व 2007 में विधायक बनीं। वर्तमान में कल्याण सिंह के नाती संदीप सिंह अतरौली से लगातार दो बार से विधायक हैं। वर्तमान में वह मंत्री हैं। कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह लगातार दो बार उनकी परंपरागत सीट रही एटा लोकसभा से सांसद रहे। हालांकि 2024 में चुनाव हार गए।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 21, 2025, 10:44 IST
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