Poland Elections: राष्ट्रपति चुनाव में कंजर्वेटिव करोल नावरॉकी की जीत, बोले- हम पोलैंड को बचाएंगे

पोलैंड में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी गर्माहट अपने चरम पर है। यहां राष्ट्रपति चुनाव में कंजर्वेटिव नेता करोल नावरॉकी की जीत हो गई है। उन्होंने 50.89 फीसदी मत पाकर प्रतिद्वंदी लिबरल उम्मीदवार और वारसा के मेयर रफाल ट्र्जासकोव्स्की को हराया। ट्र्जासकोव्स्की को 49.11 फीसदी वोट मिले। जीत के बाद नावरॉकी ने कहा कि हम पोलैंड को बचाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव में लिबरल उम्मीदवार और वारसा के मेयर रफाल ट्र्जासकोव्स्की और राइट-विंग इतिहासकार करोल नावरॉकी के बीच बेहद कड़ा मुकाबला देखने को मिला। एग्जिट पोल के मुताबिक ट्र्जासकोव्स्की को 49.3% और नावरॉकी को 50.7% वोट मिले थे। लेकिन 2% की त्रुटि सीमा को देखते हुए यह मुकाबला बराबरी पर माना जा रहा था। इससे पहलेएग्जिट पोल में ट्रजास्कोवस्की को नावरॉकीपर मामूली बढ़त दिखाई गई थी। दोनों उम्मीदवारों ने किया थाजीत का दावा रविवार रात वोटिंग खत्म होने के बाद दोनों उम्मीदवारों ने वारसा में अपने-अपने समर्थकों के बीच जीत का दावा किया था। एक तरफ जहांट्र्जासकोव्स्की ने कहा कि हम चुनाव जीत गए हैं औरअब हम भविष्य पर ध्यान देंगे। यह पोलैंड के इतिहास में वाकई एक खास पल है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह हमें आगे बढ़ने और भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। मैं आपका राष्ट्रपति बनूंगा।वहीं दूसरी ओर नावरॉकी ने कहा किहम जीतेंगे और पोलैंड को बचाएंगे।हम डोनाल्ड टस्क को सत्ता पर अपनी पकड़ पूरी तरह से कायम नहीं करने देंगे।अंतिम परिणाम सोमवार को आने की उम्मीद है। ये भी पढ़ें:-UK: इंग्लिश चैनल पार कर एक दिन में 1,100 से ज्यादा प्रवासी ब्रिटेन पहुंचे, साल का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा क्या होगा पोलैंडका भविष्य बता दें कि पोलैंड में जारी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर घमासान इसलिए भी खास है, क्योंकियह चुनाव सिर्फ राष्ट्रपति चुनने का नहीं, बल्कि यह तय करेगा कि पोलैंड एक राष्ट्रवादी रास्ता अपनाएगा या यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ लिबरल सहयोग बढ़ाएगा। देखा जाए तोनवनिर्वाचित राष्ट्रपति मौजूदा प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क की सरकार की नीतियों को वीटो करने या समर्थन देने की भूमिका में होगा, जिससे सरकार का कामकाज प्रभावित हो सकता है। दोनों नेताओं के विचार को समझिए अब बात अगर दोंनों नेताओं के विचार की करें तो जहां एक तरफरफाल ट्र्जासकोव्स्की (53), जो वारसा के मेयर भी हैं, एक प्रगतिशील नेता माने जाते हैं। वे न्यायपालिका की स्वतंत्रता बहाल करने, महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाने और यूरोपीय संघ के साथ मजबूत रिश्तों के पक्षधर हैं। ट्र्जासकोव्स्की रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर यूक्रेन की नाटो सदस्यता का भी समर्थन करते हैं। इतना ही नहींउन्होंने सामाजिक संवाद और विभाजन खत्म करने की बात कही है। ये भी पढ़ें:-Hajj Permit: सऊदी अरब ने 2.69 लाख हज यात्रियों को मक्का में घुसने से रोका, परमिट न होने पर की गई कार्रवाई धार्मिक पहचान को प्राथमिकता देते है करोल नावरॉकी वहीं दूसरी ओर, करोल नावरॉकीएक रूढ़िवादी विचारधारा के नेता हैं। वे पारंपरिक कैथोलिक मूल्यों और धार्मिक पहचान को प्राथमिकता देते हैं। वे यूरोपीय संघ की नीतियों को लेकर संदेह रखते हैं और गैरकानूनी प्रवासियों का कड़ा विरोध करते हैं। नावरॉकी यूक्रेन की नाटो सदस्यता के खिलाफ हैं, और उनका अभियान अमेरिकी दक्षिणपंथी एजेंडे से मेल खाता दिखा। हालांकि उनके अतीत में हिंसक झगड़ों और आपराधिक तत्वों से कथित संबंध रहे हैं, फिर भी उनके समर्थकों पर इसका खास असर नहीं पड़ा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 02, 2025, 03:49 IST
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