DGP बैठक में PM मोदी बोले: पैदल गश्त जैसी पारंपरिक पुलिसिंग को मजबूत करने की जरूरत, नई प्रौद्योगिकियां अपनाएं

सभी राज्य पुलिस बलों और अर्धसैनिक संगठनों के प्रमुखों के तीन दिवसीय सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पुलिस बलों को अधिक संवेदनशील बनाने और उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करने का सुझाव भी दिया। साथ ही पीएम ने कहा कि पुलिस बलों के पैदल गश्त जैसे पारंपरिक पुलिसिंग तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है। पुलिस महानिदेशकों की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अप्रचलित आपराधिक कानूनों को निरस्त करने, राज्यों में पुलिस संगठनों के लिए मानकों के निर्माण की सिफारिश की। पीएम ने अधिकारियों के लगातार दौरों का आयोजन करके सीमा के साथ-साथ तटीय सुरक्षा को मजबूत करने पर चर्चा की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने क्षमताओं का लाभ उठाने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। गौरतलब है कि सभी राज्य पुलिस बलों और अर्धसैनिक संगठनों के प्रमुखों के इस सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार यानी 20 जनवरी 2023 को हुई थी। इस सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुआ था। इस दौरान प्रमुख रूप से आंतरिक सुरक्षा के लिए भविष्य के रोडमैप पर चर्चा की गई थी। सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के देश के करीब 350 शीर्ष पुलिस अधिकारी भाग ले रहे हैं। इन मुद्दों पर हुईं चर्चा सम्मेलन के पहले दिन नेपाल और म्यांमार के साथ भूमि सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों, भारत में विदेशियों की पहचान करने की रणनीति और माओवादी गढ़ों को लक्षित करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। अब तक कहां-कहां हुआ आयोजन 2013 तक, वार्षिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। अगले साल जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, तो राष्ट्रीय राजधानी के बाहर गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यह 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण में, 2016 में हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, 2017 में टेकनपुर में बीएसएफ अकादमी, 2019 में पुणे में और 2020 में कोविड महामारी के दौरान इसे वर्चुअली आयोजित किया गया था। 2021 में लखनऊ में इसे हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था। इस बार सम्मेलन पिछले स्थल विज्ञान भवन के विपरीत दिल्ली के पूसा में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर केंद्रित नहीं 2014 से पहले विचार-विमर्श काफी हद तक केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर केंद्रित था। अधिकारी ने कहा कि 2014 से इन सम्मेलनों में राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ अपराध की रोकथाम और पहचान, सामुदायिक पुलिसिंग, कानून और व्यवस्था, पुलिस की छवि में सुधार आदि मुख्य पुलिसिंग मुद्दों पर दोहरा ध्यान केंद्रित किया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 20:54 IST
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