global investors summit: मध्यप्रदेश में आईटीआई के बाद सौ प्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने की तैयारी

7वीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतिम दिन “ग्लोबल जॉब मार्केट, यूथ एसपिरेशन एंड रोल ऑफ स्किल्ड डेवलपमेंट इनिशिएटिव” पर चर्चा हुई। सत्र की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मनु श्रीवास्तव ने कहा कि कुशल जनशक्ति देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान में प्रदेश में एक हजार 110 आईटीआई है, जिसमें 262 शासकीय एवं 848 निजी आईटीआई संचालित है, इनमें 79 कौशल आधारित इंजीनियरिंग एवं नॉन इंजीनियरिंग व्यवसायों में प्रतिवर्ष एक लाख 26 हजार 820 युवाओं के प्रवेश क्षमता उपलब्ध है। श्रीवास्तव ने बताया कि युवाओं को आधुनिक तकनीकों में कुशल बनाने के लिए भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क निर्माणाधीन है, जिसमें प्रतिवर्ष 6 हजार प्रशिक्षणार्थियों को विश्वस्तरीय कौशल उपलब्ध कराया जाएगा। 10 संभाग स्तरीय आईटीआई को उत्कृष्ट संस्थाओं के रूप में विकसितकरेंगे उन्होंने कहा कि उद्योगों की आवश्यकता पूर्ण करने और युवाओं को आधुनिक अधोसंरचना एवं अत्याधुनिक नवीनतम उपकरणों की सहायता से प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये एडीबी की सहायता से 10 संभाग स्तरीय आईटीआई को उत्कृष्ट संस्थाओं के रूप में विकसित किया जा रहा है। सामाजिक और आर्थिक रूप से अविकसित क्षेत्रों लाभांवित करने एवं वंचित समुदाय और दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए 27 विकासखण्डों में नवीन शासकीय आईटीआई प्रारंभ की गई है। अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष आईटीआई की संकल्पना के आधार पर आगामी तीन वर्षों में 42 शासकीय आईटीआई का उन्नयन “परम” (पेन आईआईटी एल्युमिनाई रीच फॉर मध्यप्रदेश) फाउंडेशन के माध्यम से शत-प्रतिशत प्लेसमेंट का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की आईटीआई को उद्योग जगत से जोड़ने की रणनीति तैयार करने के लिये टास्कफोर्स का गठन किया गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि आईटीआई एवं संबंधित ट्रेड के उद्योग का नियमित आपसी समन्वय बना रहे, इसके लिएउद्योग और आईटीआई के बीच अधिक से अधिक एमओयू निष्पादित कर विभिन्न गतिविधियों जैसे सीएसआर, गेस्ट लेक्चर, इंडस्ट्री विजिट को नियमित रूप से प्रशिक्षण में शामिल करते हुए संपादित करने की जरूरत है। प्रत्येक जिले में कम से कम एक आईटीआई उद्योग से डायरेक्ट लिंक उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक आईटीआई उद्योग से डायरेक्ट लिंक हो। श्रीवास्तव ने आहवान किया कि कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश में अपार संभावनाएं हैं और वे इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं। इस सत्र में पेनेलिस्ट के रूप में केन्द्रीय कौशल विकास मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी, आईआईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय, वाल्वो-आयशर के चीफ हयुमन रिसोर्स ऑफिसर सुदीप कुमार देव, सिंबयासिस के निदेशक डॉ. श्रवण काडवेकर, जेवीएम ग्रुप के प्रेसीडेंट वी.वी. गुप्ता, वीआईटी के चांसलर डॉ. जी. विश्वनाथन, मार्बल इंडिया के इंडिया कंट्री मैनेजर नवीन विश्नोई, आईसेक्ट के डायरेक्टर सिद्धार्थ चतुर्वेदी और क्रिस्प के चेयरमेन श्रीकांत पाटिल शामिल थे। सभी पेनेलिस्टों ने एक मत से इस बात की सहमति दी कि स्किल है तो कल है। भविष्य में इंडस्ट्री अकादमिया पार्टनरशिप युवाओं को कुशल बनाने में और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को पूरा करने में मददगार साबित होगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 12, 2023, 17:53 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




global investors summit: मध्यप्रदेश में आईटीआई के बाद सौ प्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने की तैयारी #CityStates #IndoreNews #ItiIndore #Placement #Job #SubahSamachar