Kannauj News: चंदन की महंगाई से मंद पड़ा इत्र कारोबार

कन्नौज। विदेशों से आने वाले चंदन तेल का दाम दिन पर दिन बढ़ रहा। इसका असर इत्र कारोबार पर दिखाई देने लगा है। चंदन तेल की महंगाई से उभरने के लिए इत्र कारोबारियों ने शासन से चंदन तेल का बेस (विकल्प) मुहैया कराने की मांग की है। शहर में छोटे-बड़े करीब 300 इत्र कारखाने संचालित है। तमिलनाडु और कर्नाटक में चंदन के बगीचों में आई कमी के चलते कारोबारी आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और तंजानिया से आपूर्ति होने वाल चंदन तेल पर निर्भर है। मौजूदा समय इन देशों ने कारोबारियों को एक लाख में मिलने वाला तेल अब 1.30 लाख रुपये प्रति किलोग्राम बिक्री कर रहे हैं। इससे इत्र कारखाने बंदी की कगार पर हैं। व्यापारियों ने डीएम शुभ्रांत शुक्ल व शासन स्तर के अधिकारियों से चंदन बेस तैयार कराने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि इत्र को बढ़ावा देने के लिए एफएफडीसी (सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र) कई सालों से बेस तैयार कर देने का वायदा कर रहा है लेकिन अभी तक उन्हें बेस नहीं मिला है। इत्र एवं अतर एसोसिएशन अध्यक्ष पवन त्रिवेदी ने बताया कि अगर उन लोगों को चंदन तेल का विकल्प मिल जाए, तो कम लागत में अच्छा कारोबार चलने लगेगा। शासन से बेस तैयार कराने की मांग की गई है। डीएम शुभ्रांत शुक्ल ने बताया कि कारोबारियों ने बेस की मांग की है। प्रयास कर जल्द कारोबारियों को बेस मुहैया कराया जाएगा। -----इत्र कारोबार पर एक नजर------------------------शहर में करीब 300 इत्र कारखाने हैं।-छोटे-बड़े करीब 25 हजार लोग इत्र कारोबार से जुड़े हैं।-सालाना करीब 500 से 600 करोड़ रुपये का व्यापार होता है।-सरकार को 50 से 70 करोड़ का टैक्स मिलता है।-----बेस दरअसल इत्र कारोबार चंदन के तेल पर निर्भर है। चंदन तेल की जगह कोई ऐसा तेल जिसके प्रयोग से इत्र तैयार किया जा सके। एफएफडीसी की लैब में वैज्ञानिक कई जंगली लकड़ियों, तिल, गरी तेल पर शोध कर चंदन का बेस खोजने का प्रयास कर चुके, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 22:44 IST
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