शौर्य दिवस: पूर्वजों की माटी को किया नमन, माथे पर तिलक के लिए सहेजकर साथ ले गए महाराष्ट्र से पानीपत पहुंचे लोग

शौर्य दिवस पर महाराष्ट्र से काला आम्ब पहुंचे मराठों ने अपने पूर्वजों के खून से सनी माटी को न सिर्फ नमन किया, बल्कि उसे पानी की छोटी बोतलों, पैकेट में सहेजकर साथ ले गए। उन्होंने बताया कि इस माटी में उनके पूर्वजों की आखिरी निशानी मिली हुई है। इस माटी पर उनके पूर्वजों ने ऐतिहासिक युद्ध लड़ा है और शहादत दी है। इसी माटी को वे अपने स्वजनों के माथों पर तिलक की तरह लगाएंगे। महाराष्ट्र के ठाणे के गांव शाहपुर से पहुंचे गणेश चौधरी और राहुल रसाल ने बताया कि वे पहली बार यहां पहुंचे हैं। उनके साथ सैकड़ों लोग आए हैं। उन्होंने अपने बुजुर्गों के खून से सनी माटी को नमन किया और यहां से कुछ मिट्टी अपने साथ ले गए, ताकि उनके परिवार के अन्य लोग और रिश्तेदार उस माटी को अपने माथे पर लगा सकें। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में 350 से भी ज्यादा किले हैं। वे हर किले पर जाते हैं, जहां उनके मराठा योद्धाओं ने लड़ाई लड़ी। हर किले से माटी ला रहे हैं। अब वे सभी किलों की माटी का एक स्मारक बनाएंगे। इसके अलावा वे सात नदियों का जल भी एकत्रित कर रहे हैं, ताकि इस जल को भी सहेज कर स्मारक स्थल पर रखा जा सके। ट्रेन से आए धर्मशाला में रुके, मिला सुकून गणेश और राहुल ने बताया कि वे महाराष्ट्र में बतौर इंजीनियर काम करते हैं। वे ट्रेन से पानीपत आए और यहां रोड धर्मशाला में रुके। उन्होंने यहां आकर अपने पूर्वजों के युद्ध स्थल पर पहुंच कर उन्हें याद कर नमन किया है। उन्होंने बताया कि वे ये सब इसलिए कर रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियों को उनके पूर्वजों के बलिदान, उनकी वीरता और गौरवगाथा हमेशा याद रहे। उन्होंने बताया कि अपने पूर्वजों के युद्ध स्थल और उनकी शहादत को याद कर उन्हें सुकून मिला है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 20:57 IST
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