Pele: सदी के महानतम फुटबाल खिलाड़ी, जिस स्टेडियम में खेले थे, वहीं से होगी अंतिम विदाई

जिस स्टेडियम में ब्राजील के महान फुटबालर पेले ने अपने कॅरिअर के कुछ सर्वश्रेष्ठ मैच खेले थे, सोमवार और मंगलवार को वहीं से उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। पेले विला बेलेमिरो स्टेडियम में सांतोस क्लब के लिए खेलते थे। सांतोस के कब्रिस्तान मेमोरियल नेक्रोपोले एक्यूमेंनिका में उनका अंतिम संस्कार होगा। संस्कार के समय केवल उनका परिवार ही मौजूद रहेगा। क्लब ने एक बयान में कहा, ब्राजील की जनता साओ पाउलो में महान फुटबालर की अंतिम यात्रा में शामिल होगी और श्रद्धांजलि देगी। एडसन अरांतेस डू नेसिमेंटो यानी पेले का बृहस्पतिवार को कैंसर की बीमारी से निधन हो गया था। वह 82 वर्ष के थे। क्लब ने कहा कि तीन बार के विश्वकप चैंपियन का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह साओ पाउलो में अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल से निकलेगा और विला बेलेमिरो स्टेडियम के बीच में रखा जाएगा। श्रद्धांजलि सभा सोमवार सुबह 10 बजे शुरू होगी और अगले दिन उसी समय समाप्त होगी। पेले के पार्थिव शरीर को सांतोस की सड़कों से ले जाया जाएगा और उनकी 100 वर्षीय मां सेलेस्टे के घर के सामने से गुजरेगा। ब्राजीलियाई मीडिया में हाल की रिपोर्टों में कहा गया है कि पेले की मां भी बीमार हैं और बेसुध हैं। पेले का सांतोस में एक घर है, जहां उन्होंने अधिकांश जीवन व्यतीत किया था। उन्होंने अपने आखिरी साल गुआरुजा शहर में बिताए थे। 1958 के विश्वकप से पेले ने पहली बार 10 नंबर की जर्सी पहनी। ब्राजील फेडरेशन ने किसी भी फुटबालर को जर्सी का नंबर नहीं दिया था। फीफा ने पेले को 10 नंबर की जर्सी दी। उस वक्त वह टीम के लिए बतौर स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर उतर रहे थे। पेले ने ही 10 नंबर की जर्सी को पहचान दी। बाद में माराडोना, सचिन तेंदुलकर, लियोनल मेसी ने 10 नंबर की जर्सी पहनी। एजेंसी ब्राजील में सन्नाटा पेले के निधन के बाद ब्राजील में सन्नाटा पसरा हुआ है। क्राइस्ट द रिडीमर और माराकाना स्टेडियम देश के झंडे के रंग में रंगे हैं और सांतोस क्लब के बाहर प्रशंसक रो रहे हैं। उरबानो कालदेइरा स्टेडियम की दीवारों पर पेले की तस्वीरें लगाई गई हैं। इन तस्वीरों पर कई प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। प्रसिद्ध थी नंबर 10 जर्सी अन्य लोग पेले को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े पैमाने पर सफेद झंडे लेकर आए, जिसमें उनके चेहरे की तस्वीरें या उनकी प्रसिद्ध नंबर 10 जर्सी में लिखा था, पेले फॉरएवर यू आर द किंग। कुछ लोग फूलों के गुलदस्ते लाए थे, जबकि अन्य ने सम्मान देने के लिए फर्श पर किंग पेले, आइडल स्प्रे-पेंट किया था। ब्राजील को जिताए 67 मैच पेले ने ब्राजील के लिए 92 मैच खेले। इनमें ब्राजील 67 बार जीता, 14 मैच ड्रॉ रहे और 11 में उसे हार मिली। 18 जुलाई 1971 को पेले अंतिम बार ब्राजील के लिए यूगोस्लाविया के खिलाफ खेले। गरीबों के लिए भी थे मसीहा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद की ओर से 1999 में शताब्दी के खिलाड़ी चुने गए। टाइम मैगजीन की ओर से 20वीं शताब्दी के सौ सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में चुने गए। फीफा ने महानतम की संज्ञा दी। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फुटबाल हिस्ट्री एंड स्टैटिस्टिक्स (आईएफएफएचएस) की ओर से शताब्दी के दुनिया के खिलाड़ी चुने गए। फीफा की ओर से संयुक्त रूप से डिएगो माराडोना के साथ फीफा शताब्दी के खिलाड़ी चुने गए पेले गरीबों की सामाजिक स्थिति को सुधारने की नीतियों के जोरदार समर्थन के लिए भी जाने जाते हैं। पेले ने अपने 1000वें गोल को ब्राजील के गरीब बच्चों को समर्पित किया। पेले को फुटबाल का किंग (ओ रे डू फूटेबाल), किंग पेले (ओ रे पेले) या केवल द किंग (ओ रे) के नाम से भी जाना जाता है। पेले की तकनीक और प्राकृतिक जोशीलेपन की विश्वभर में प्रशंसा की गई है और उनके खेल के वर्षों में वे अपनी श्रेष्ठ ड्रिब्लिंग, पासिंग, अपनी रफ्तार, शक्तिशाली शॉट, सिर से मारने की असाधारण क्षमता और गोल के मौके बनाने के लिए मशहूर थे। भारत में भी दिखाया था जादू पेले पहली बार 1977 में भारत आए थे, जब उनके क्लब कॉस्मॉस ने कोलकाता में मोहन बागान एफसी के साथ 2-2 से ड्रॉ खेला था। वह 2015 और 2018 में दिल्ली आए थे। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ के महासचिव डॉ. प्रभाकरन ने कहा, हम इन यात्राओं के लिए उनके आभारी हैं। भारतीय फुटबाल संघ ने सात दिवसीय शोक किया घोषित अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने पेले के निधन पर शुक्रवार को सात दिवसीय शोक की घोषणा की। एआईएफएफ के महासचिव डॉ. शाजी प्रभाकरन ने कहा, हम उनकी उपलब्धियों को याद करने के लिए सात दिन का शोक मनाएंगे। इस दौरान एआईएफएफ का ध्वज आधा झुका रहेगा। हर मैच से पहले एक मिनट का मौन रहेगा। कोई जश्न नहीं मनाएंगे। उनके भारत से पुराने संबंध रहे हैं। गोवा, बंगाल ने भी दी श्रद्धांजलि पेले के निधन के बाद गोवा, बंगाल, केरल जैसे राज्यों में भी सन्नाटा पसरा है। पेले के प्रशंसकों ने अपने-अपने तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पेले ने किए थे तीन विवाह पेले ने पहला विवाह 1966 में रोजमेरी से किया। पहले विवाह से उनके एक पुत्र (एडसन), दो पुत्रियां (केली, जेनिफर) हैं। 1994 में उन्होंने एस्सीरिया से दूसरा विवाह किया। 2016 में उन्होंने 76 वर्ष की उम्र में मारिया आओकी से तीसरा विवाह किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 31, 2022, 05:51 IST
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