Pele: 1977 में पेले ने मोहन बागान की टीम के साथ खेला था मैच, श्याम थापा बोले- कोलकाता से था उनका खास लगाव

हम तो सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि फुटबॉल के भगवान कहे जाने वाले पेले कभी भारत आएंगे और हम कभी उनके साथ खेल भी पाएंगे। उनके निधन की खबर सुनकर आंसू आ गए और 1977 में बीताए वो पल फिर से जेहन में आ गए, जब पेले के साथ कोलकाता के इडेन गार्डन्स में हमें उनके साथ (कॉसमॉस क्लब) खेलने का मौका मिला था। वो कोलकाता से प्यार करते थे, यहां के खेल प्रेमियों से प्यार करते थे। उनका कोलकाता के साथ एक खास तरह का लगाव था। बाईसाइकिल किक के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय फुटबॉलर श्याम थापा ने अमर उजाला से खास बातचीत में ये बातें कहीं। श्याम थापा सितंबर 1977 में इडेन गार्डन्स में खेले गए मैच को याद करते हुए कहते हैं, वह एक ऐतिहासिक फुटबॉल मैच था। यह पहला मौका था जब दुनिया के इतना बड़ा खिलाड़ी भारत आया था। इससे भी बड़ी बात यह थी कि उस मैच में मोहन बागान की टीम ने पेले की टीम कॉसमॉस क्लब के विजयी रथ को 2-2 पर ड्रॉ खेलकर रोक गिया था। मोहन बागान के उस टीम के कोच थे प्रसिद्ध फुटबॉलर पी.के.बेनर्जी और टीम के कप्तान थे सुब्रतो भट्टाचार्य। खिलाड़ी पेले को देखने के लिए उताबले थे। पेले को मेरी जर्सी नंबर याद थी 1977 के मैच को याद करते हुए थापा कहते हैं, वह मैच ऐतिहासिक था। मैंने पेले के साथ खेलने का मौका पाने के लिए ही ईस्ट बंगाल को छोड़कर मोहन बागान की टीम को ज्वाइन किया था और वह पल भी आया जब मुझे पेले के साथ खेलने का मौका मिला। पहले हाफ के शुरुआत के 17वें मिनट में कार्लोस अलवर्टो ने पहला गोल दाग दिया। इसके करीब एक मिनट बाद ही मैंने ब्राजील के महान खिलाड़ी को छकाते हुए गोल कर दिया। यह मेरे जीवन का ऐतिहासिक पल था। बाद में मैच 2-2 की बराबरी पर छूटा। उसके बाद रात को जब पार्टी में दोनों टीमों के खिलाड़ी मिले तो उन्होंने मुझे पूछा, तुम जर्सी नंबर 22 हो ना। बहुत अच्छे खिलाड़ी हो। तुम्हारा भविष्य बहुत अच्छा है, कहते हुए उन्होंने मुझे लगे से लगा लिया। वह पल मुझे कभी नहीं भूलता। इतने बड़े खिलाड़ी का प्यार और स्नेह पाकर मैं धन्य हो गया। हर कोई पेले का एक झलक पाने को बेताब था श्याम थापा कहते हैं, आम लोग तो आम लोग, खिलाड़ी भी एक बार पेले को नजदीक से देखने को बेबात थे। मैं ही नहीं हमारे टीम के कई सदस्य एक बार पेले को छूकर देखना चाहते थे। सभी उसके पीछे-पीछे भाग रहे थे। 10 नंबर की जर्सी में पेले खेलने मैदान में उतरे थे। 75 हजार से अधिक दर्शन अंदर और बाहर का पता नहीं। बस पेले-पेले की ही आवाज आ रही थी। हर कोई दीवाना था। पेले का कोलकाता के फुटबॉल प्रेमियों प्रति खास लगाव ही था, कि वे यहां आए और फुटबॉल खेला।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 30, 2022, 23:30 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Pele: 1977 में पेले ने मोहन बागान की टीम के साथ खेला था मैच, श्याम थापा बोले- कोलकाता से था उनका खास लगाव #Football #Sports #National #Pele #PeleMatch #MohunBagan #MohunBaganTeam #ShyamThapa #Kolkata #SubahSamachar