Murshidabad violence: 'हमें नहीं चाहिए घर-रुपये...पति-बेटा वापस आएंगे क्या? अपनों को खोने वाली पारुल का दर्द
मुर्शिदाबाद के जाफराबाद गांव के अंतिम छोर पर है वह घर जहां उपद्रवियों ने पिता और पुत्र की हत्या कर दी थी। इस घर के मुख्य दरवाजे टूटे हुए हैं। सीढ़ियों पर ईटों के टुकड़े आज भी ज्यों के त्यों हैं। शनिवार को इस घर पर हजारों उपद्रवियों ने क्या किया होगा देखकर ही समझा जा सकता है। सारा दृश्य खुद-ब-खुद हैवानियत की कहानी बता रहा है। आतताइयों ने इस घर से निकालकर हरगोबिंद दास और बेटे चंदन दास की हत्या कर दी थी। एक ही दिन पिता और पुत्र की अर्थी उठी। घर के एक कोने में बुजुर्ग महिला हरगोबिंद की पत्नी पारुल दास बैठी हैं, शांत, चुपचाप और गुमसुमबहुत देर बाद खुद ही बोल पड़ती हैंआमि चाइ ना ममता दीदी बांग्लार बाड़ी (यानी मैं ममता दीदी की बांग्लार घर)..फिर चुप हो जाती हैंफिर बंगाली में ही कहती हैं कि पैसे लेकर क्या करूंगी, पैसा लेने से मेरे पति और बेटा वापस आ जाएंगे क्या। परिवार ने आर्थिक सहायता लेने से इन्कार कर दिया है। पारुल कहती हैं, मेरे पति और बेटे की इसलिए हत्या हुई क्योंकि हम हिंदू हैं। पिता को जैसे मारा वैसी सजा चाहता हूं चंदन दास के 11 वर्षीय बेटे आकाश ने कहा, आज ही पिता की पंचवीं की है। आठवीं कक्षा में पढ़ने वााल आकाश कहता है, आखिर मेरे दादू और पिता का क्या दोष था। लोग इतने क्रूर कैसे हो सकते हैं। जिस नृशंस तरीके से मेरे दादू और पिता की हत्या की। मैं चाहता हूं कि उनको भी उसी तरह से सजा दी जाए। दोनों के शरीर पर हर जगह घाव थे पारुल दास कहती हैं, हमें तो कुछ भी पता नहीं था। हजारों की संख्या में लोग अचानक गांव में घुस आए। घरों पर पत्थरबाजी करने लगे। लुटपाट करने लगे। हमारे घर पर दो बार हमला किया। लेकिन वे घर के अंदर घुसने में कामयाब नहीं हुए। तीसरी बार लोहे के बड़े-बड़े रॉड से दरवाजे को तोड़ डाला। उसके बाद उपद्रवियों ने घर की छत से, पीछे से और चारों तरफ से घर पर हमला कर दिया। पति और बेटे को गर्दन से खींच कर बाहर निकाला और धारदार हथियारों से उनको काट डालाउनकी आंखों से अश्रुधारा बह रही थी और वह बोले जा रही थीं। हाथ काट दिए, पैर काट दिए, शरीर का ऐसा कोई अंग नहीं था, जहां घाव के निशान नहीं थे। इसे भी पढ़ें-West Bengal:'मुर्शिदाबाद में दंगों के पीछे TMC नेताओं का हाथ', शुभेंदु अधिकारी ने CM ममता पर भी लगाए कई आरोप
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 18, 2025, 05:40 IST
Murshidabad violence: 'हमें नहीं चाहिए घर-रुपये...पति-बेटा वापस आएंगे क्या? अपनों को खोने वाली पारुल का दर्द #IndiaNews #National #SubahSamachar