Report: बेटों को अंग्रेजी तो बेटियों को भेजा सरकारी स्कूल! रिपोर्ट ने खोली हकीकत; फिर भी लड़कों से आगे

Boys vs Girls Education Report: देश की विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक में बेटियां लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहीं हैं। इसके बावजूद बेटा और बेटी में भेदभाव हो रहा। अभिभावक बेटों को अंग्रेजी तो बेटियों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाते हैं। यह खुलासा शिक्षा मंत्रालय के सभी 66 बोर्ड के वर्ष 2024 के रिजल्ट की अध्ययन रिपोर्ट में हुआ है। बेटी को बोझ समझने, शिक्षा पर खर्च न करने की सामाजिक कुरीति और दिक्कतों के बावजूद कक्षा में उपस्थिति, पढ़ाई और रिजल्ट बेहतर है। पिछले 11 साल में 10वीं कक्षा में एससी वर्ग की बेटियों की संख्या 14.75 तो एसटी में 81.33 फीसदी तक बढ़ी है। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सिफारिशों के तहत स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, मूल्यांकन की एक समान पद्धति, देशभर के सभी स्कूलों में एक पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय दाखिला प्रवेश परीक्षा में सभी को बराबर मौका देने, शिक्षकों की एक जैसी ट्रेनिंग एवं योग्यता आदि को लागू करने पर काम कर रहा। इसके तहत मंत्रालय ने केंद्र और राज्यों के 66 नियमित एवं ओपन स्कूल बोर्ड के वर्ष 2024 के रिजल्ट का अध्ययन किया है। इसका मकसद स्कूली शिक्षा की कमियों में सुधार लाना है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 19, 2025, 07:50 IST
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