Parakram Diwas: पहली बार पिता के साथ बनारस आए थे नेताजी, अब भी रहते हैं कई रिश्तेदार

आजादी के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का काशी से गहरा लगाव था। बचपन से ही उनका बनारस आना जाना लगा था। जब क्रांति की मशाल थामी, तब भी कई बार गोपनीय तरीके से बनारस आए। चौखंभा, ठठेरी बाजार की गलियों में उनके रिश्तेदार अब भी रहते हैं। नेताजी के मौसा के प्रपौत्र वीरभद्र मित्र बताते हैं कि मेरे पिता अक्सर बताते थे कि नेताजी दो बार बंगाली ड्योढ़ी आए थे। नेताजी जब पहली बार अपने पिता के साथ आए थे, तब उनके मौसा जी पक्के महाल में ठठेरी बाजार के बंगाली ड्योढ़ी में रहते थे। सुभाष मिठाई के बहुत शौकीन थे और बनारसी मिठाई खाकर खुश हो जाते थे। कई बार गुप्त रूप से काशी आए नेताजी फारवर्ड ब्लाक के वरिष्ठ नेता संजय भट्टाचार्य और काशी के क्रांतिकारियों पर स्वतंत्र शोध कर रहे नित्यानंद राय बताते हैं कि सुभाष चंद्र बोस कई बार गुप्त रूप से काशी आए। एक बार दशाश्वमेध के चितरंजन पार्क के आसपास राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के मकान में और दूसरी बार बेनियाबाग के पियरी के किसी मकान में रुकने की जानकारी मिलती है। उनके मौसा उपेंद्र नाथ बसु बैरिस्टर थे और बनारस कचहरी में वकालत करते थे। उनके मौसेरे भाई शरद कुमार बसु बीएचयू में प्रोफेसर थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 23:41 IST
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