Prayagraj : पंचकोशीय परिक्रमा का संगम तट पर समापन, पौराणिक हंस तीर्थ को मुक्त कराने का आह्वान

भगवान हंस जन्मभूमि पौराणिक हंसतीर्थ धाम झूंसी प्रयागराज के संरक्षण और उत्थान के लिए समर्पित संत व्यास मुनि जी महाराज के आवाहन पर तीर्थराज प्रयाग की होने वाली पारंपरिक पंचकोशीय परिक्रमा यात्रा पूरी हुई। हंस जयंती आंवला नवमी पर त्रिवेणी संगम से शुरू हुई परिक्रमा जो कि बहिर्वेदीय, मध्य वेदीय के उपरांत अंतर्वेदीय की समस्त तीर्थो की परिक्रमा कर शुक्रवार को त्रिवेणी संगम पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूरी हुई। श्री मणिरामदास छावनी के महामंडलेश्वर महंत राम गोपाल दास जी भी यात्रा में सम्मिलित हुए। उन्होंने प्रयागराज की पंचकोशीय परिक्रमा के तत्व मीमांसा की व्याख्या की। इसे मानव शरीर के भीतर स्थित पंचकोशों ( अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय, आनंदमय ) को जागृत करने की अपरिहार्य विधा बताई। इसे मानव सृष्टि की सबसे प्रथम यात्रा बताया। परमपिता ब्रह्मा जी, भरद्वाज मुनि, श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी तथा प्रयाग माहात्म्य एवं अन्य पुराणों द्वारा प्रमाणित व त्रितापों को क्षरण करने में समर्थ करार देते हुए परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले हंस तीर्थ, हंस कूप, संध्यावट वृक्ष एवं श्री संकष्टहर माधव के स्थल को दर्शनार्थ सर्वसुलभ करने पर बल दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 28, 2025, 13:29 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Prayagraj : पंचकोशीय परिक्रमा का संगम तट पर समापन, पौराणिक हंस तीर्थ को मुक्त कराने का आह्वान #CityStates #Prayagraj #PanchkoshiParikramaKabHai2025 #HansTirthTempleJhunsi #PrayagrajSangam #SubahSamachar