'अच्छे दिन आने वाले हैं…' का नारा देने वाले पीयूष पांडे का निधन, 70 की उम्र में विज्ञापन गुरु ने ली आखिरी सांस

भारतीय विज्ञापन जगत की आत्मा और चेहरे को बदलने वाले प्रखरव्यक्तित्व पीयूष पांडे का गुरुवार को 70 वर्ष की उम्र मेंनिधन हो गया। भारतीय विज्ञापन जगत को उसकी आवाजऔर दिशा देने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाने वाले पीयूषपांडे ने ओगिल्वी इंडिया में चार दशक से ज्यादा का समय बिताया। पीयूष पांडे के निधन से लोगों में शोक की लहर है। कौन थे पीयूष पांडे पीयूष पांड का जन्म 1955 में हुआ था।1982 में वो ओगिल्वी में शामिल हुए। 27 साल की उम्र में, उन्होंने अंग्रेजी-प्रधान विज्ञापन जगत में कदम रखा और उसे हमेशा के लिए बदल दिया। एशियन पेंट्स ("हर खुशी में रंग लाए"), कैडबरी ("कुछ खास है"), फेविकोल और हच जैसे ब्रांडों में आवाज देकरविज्ञापनों की दुनिया में एक अलग मिशाल पेश की।अपने अभियानों के जरिए, पीयूष पांडे ने हिंदी और बोलचाल की भारतीय मुहावरों को मुख्यधारा के विज्ञापनों में शामिल किया।उनमें हास्य, गर्मजोशी और मानवीयता का संचार किया। उनके एक पुराने सहयोगी ने कहा, "उन्होंने न सिर्फभारतीय विज्ञापन की भाषा बदली, बल्कि उसका व्याकरण भी बदल दिया।" यह खबर भी पढ़ें:जयपुर पिंक पैंथर्स के सहायक प्रबंधक वेदांत देवाडिगा के निधन पर अमिताभ बच्चन ने जताया शोक, शेयर किया पोस्ट 'अबकी बार मोदी सरकार' नारा दिया पीयूष पांड नेभारत के सबसे यादगार राजनीतिक नारों में से एक, "अब की बार, मोदी सरकार" को भी गढ़ने का काम किया था। इसके अलावा उन्होंने 'अच्छे दिन आने वाले हैं' नारा भी दिया था।येनारेजन-जन तक पहुंचेथे। इसने उनकीपहचान को और समृद्धशाली बना दिया था। एक नजर पीयूष पांडे के परिवार पर पीयूष पांडे केनौ भाई-बहन थे। इनमेंफिल्म निर्देशक प्रसून पांडे और गायिका-अभिनेत्री इला अरुण शामिल थीं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 24, 2025, 09:57 IST
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