Delhi NCR News: दिल्ली में जुटे 850 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक सर्जन
रिविजन आर्थ्रोप्लास्टी कॉन्फ्रेंस में नी और हिप इम्प्लांट ढीले पड़ने, घिसने व फेल होने पर विशेषज्ञों ने रखे सुझावअमर उजाला ब्यूरो नई दिल्ली। दिल्ली में आयोजित रिविजन आर्थ्रोप्लास्टी कॉन्फ्रेंस (आरएसी) में देश-विदेश से 850 से अधिक ऑर्थोपेडिक सर्जन और विशेषज्ञ शामिल हुए। तीन दिवसीय सम्मेलन में नी और हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में नवाचार, तकनीक और प्रशिक्षण पर चर्चा हुई।आयोजन अध्यक्ष डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि किसी भी हिप या नी रिप्लेसमेंट की आमतौर पर उम्र 20-25 वर्ष होती है, जिसके बाद रिविजन नी या हिप रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ती है। यह अत्यंत जटिल और कौशल-आधारित प्रक्रिया है। भारत में हर साल करीब पांच लाख प्राइमरी नी और हिप रिप्लेसमेंट होते हैं।उन्होंने कहा कि अब देश उस दौर में पहुंच चुका है जब पहले लगाए गए हजारों इम्प्लांट ढीले पड़ने, घिसने या फेल होने लगे हैं। ऐसे में प्रशिक्षित रिविजन सर्जन अब विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन चुके हैं। प्राइमरी सर्जरी की तुलना में रिविजन सर्जरी कहीं अधिक कॉम्प्लेक्स होती है। भारत में अब तक कोई कॉन्फ्रेंस पूरी तरह रिविजन जॉइंट रिप्लेसमेंट पर केंद्रित नहीं रही थी, इसलिए इस कमी को पूरा करने के लिए यह आयोजन किया गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 05, 2025, 15:40 IST
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