ICICI Bank: आईसीआईसीआई बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस बढ़ाने का विरोध, सिविल सोसाइटी ने कहा यह 'अन्यायपूर्ण'
नागरिक समाज मंच ने आईसीआईसीआई बैंक के बचक खातों में न्यूनतम शेष राशि (एमएबी) बढ़ाने का विरोध किया। उन्होंने वित्त मंत्रालय से इस फैसले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा कदम सरकार के समावेशी बैंकिंग और विकास के दृष्टिकोण के लिए हानिकारक है।वित्त सचिव को लिखे पत्र में बैंक बचाओ देश बचाओ मंच ने बैंक के निर्णय को अन्यायपूर्ण करार दिया। ये भी पढ़ें:केप्लर का अनुमान:रूसी तेल के बगैर काम चला सकती हैं भारतीय रिफाइनरी; ऐसे घट सकता है डीजल-विमान ईंधन का उत्पादन एमएबी से आप क्या समझते हैं न्यूनतम औसत शेष का मतलब है, बैंक खाते में एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक महीना) में बनाए रखने के लिए जरूरी न्यूनतम राशि। अगर आप इस न्यूनतम राशि को बनाए नहीं रखते हैं, तो बैंक आप पर जुर्माना लगा सकता है। बैंक ने न्यूनतम शेष राशि को बढ़ाकर पांच गुना कर दिया आईसीआईसीआई बैंक ने 1 अगस्त या उसके बाद खोले गए नए बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता को पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। बैंक के ग्राहकों के लिए 31 जुलाई, 2025 तक बचत बैंक खातों में न्यूनतम मासिक औसत शेष (एमएबी) 10,000 रुपये थी। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अर्ध-शहरी स्थानों के लिए एमएबी को पांच गुना बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए एमएबी बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। सरकार से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने की मांग की नागरिक समाज संगठन ने इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है। इसके साथ ही सरकार से जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने और व्यापक वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने की अपील की। सार्वजनिक बैंक एमएबी की जरूरत खत्म कर रहे परंपरागत रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निजी ऋणदाताओं की तुलना में कम शेष राशि की आवश्यकता होती है। वहीं जन धन खातों के लिए यह आवश्यकता माफ कर दी जाती है। कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने इस आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। अगर ग्राहक न्यूनतम निर्धारित शेष राशि बनाए रखने में विफल रहते हैं, तो उन्हें जुर्माना देने की जरूरत नहीं होती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 11, 2025, 12:10 IST
ICICI Bank: आईसीआईसीआई बैंक की ओर से मिनिमम बैलेंस बढ़ाने का विरोध, सिविल सोसाइटी ने कहा यह 'अन्यायपूर्ण' #BusinessDiary #National #IciciBank #MinimumAverageBalance #FinanceMinistry #SavingsAccounts #PublicBank #PrivateBank #SubahSamachar