संतो का संग, हरि कथा भाग्यशाली मनुष्यों को ही मिलती : विवेकानंद

-खरोटा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापनसंवाद न्यूज एजेंसीबरठीं (बिलासपुर)। विकास खंड झंडूता की ग्राम पंचायत बलोह के खरोटा गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा हवन यज्ञ और भंडारे के साथ संपन्न हुई।कथा के अंतिम दिन कथा व्यास विवेकानंद शर्मा ने कहा कि संतो का संग और हरि कथा भाग्यशाली मनुष्यों को ही मिलती है। पुत्र धन और पत्नी किसी भी पापी के घर में आसानी से हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि नारद जी पिछले जन्म में दासी पुत्र थे। उनकी माता अमीरों के घरों में जाकर बर्तन और झाड़ू लगाने का काम करती थी। नारद जी उनके साथ इसी काम में हाथ बंटाया करते थे। एक बार उनके गांव में संतों का आगमन हुआ। नारद जी ने संतों की सेवा की और सत्संग किया। संतों के सत्संग से नारद जी का मन बदल गया और गुरु दीक्षा ली। वह प्रभु का भजन करने लगे और कुछ दिनों बाद उन्हें भगवान के साक्षात दर्शन हुए। शरीर को छोड़ने के बाद दूसरे जन्म में ब्रह्मा जी ने उन्हें अपना पुत्र बना लिया। यह सब संत समागम और हरि कथा का ही प्रभाव था। उन्होंने बताया कि भगवान की कथा अमृत से भी महान है। कथा श्रवण करने से जीवन में परिवर्तन आना चाहिए तभी कथा सुनने का महत्व होगा। उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित ने सात दिन कथा का श्रवण किया जिस कारण उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 21, 2025, 18:03 IST
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